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...तो हिन्दू धर्म के खिलाफ है PK

आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने ‘पीके’ को हिन्दू धर्म के खिलाफ बताया है. स्वरूपानंद कहते हैं कि ऐसी फिल्में नहीं बननी चाहिए और सेंसर बोर्ड को ऐसी फिल्में पास भी नहीं करनी चाहिए.

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शंकराचार्य ने PK को बताया हिन्दू धर्म के खिलाफ
शंकराचार्य ने PK को बताया हिन्दू धर्म के खिलाफ

आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने ‘पीके’ को हिन्दू धर्म के खिलाफ बताया है. स्वरूपानंद कहते हैं कि ऐसी फिल्में नहीं बननी चाहिए और सेंसर बोर्ड को ऐसी फिल्में पास भी नहीं करनी चाहिए.

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आमिर खान और निर्माता राजकुमार हिरानी की फिल्म ‘पीके’ दुनियाभर में सफलता के झंडे गाढ़ रही है. लेकिन शंकराचार्य ने फिल्म में हिंदू देवी-देवताओं पर किए गए कटाक्ष पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि फिल्म में देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक दृश्य फिल्माए गए हैं. उन्होंने पूछा कि आखिरकार फिल्म बनाने वालों को सिर्फ हिंदू धर्म में ही खोट क्यों नजर आती है? शंकराचार्य के कहा, फिल्म निर्माता अन्य धर्मों के खिलाफ फिल्म बनाएंगे तो उन्हें ‘ठीक’ कर दिया जाएगा.

मुस्लिम धर्मगुरुओं को भी PK से आपत्ति
मुस्लिम धर्मगुरु भी फिल्म ‘पीके’ में दिखाए गए कुछ दृश्यों को लेकर नाराज हैं. मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगीमहली ने कहा कि इस फिल्म के कुछ सीन बेहद आपत्तिजनक हैं और हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा, इस तरह के सीन हमारे देश की गंगा-जमुनी तहजीब के लिए भी खतरनाक हैं.

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शंकराचार्य ने शुक्रवार को परमहंसी गंगा आश्रम में बुलाई गई वार्ता में कहा कि ‘पीके’ में देवी देवताओं पर आपत्तिजनक फिल्मांकन किया गया है. आखिरकार धर्म निरपेक्षता की बात हिंदुओं के लिए ही क्यों की जाती है अन्य धर्मों के लिए क्यों नहीं. शंकराचार्य ने कहा है कि हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

हिन्दू देवी देवताओं को मंनोरंजन का पात्र क्यों बनाया
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि सेंसर बोर्ड आखिर ऐसी फिल्मों को सर्टिफिकेट कैसे जारी कर देता है, फिल्म बनाने वाले भी हिंदू देवी-देवताओं पर फिल्म बनाने से पहले धर्मगुरु या विषय के अच्छे जानकारों से जानकारी न लेकर कुछ भी क्यों दिखाते हैं. शंकराचार्य ने कहा कि सबसे प्रमुख बात यह है कि आखिर ये फिल्म वाले हिंदू देवी-देवताओं को मनोरंजन का पात्र ही क्यों बनाते हैं.

करोड़ों लोगों की आस्था को मनोरंजन का पात्र बनाना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शंकराचार्य ने कहा कि अन्य धर्मों जैसे मुस्लिम, ईसाइ आदि पर फिल्म क्यों नहीं बनाई जाती. क्योंकि फिल्म बनाने वालों की अन्य धर्मों पर फिल्म बनाने की हिम्मत नहीं है, जो फिल्म हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करेगी उसका विरोध किया जाना चाहिए, ऐसी फिल्मों को सहन नहीं किया जाएगा.

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पहले शिरडी वाले साईं बाबा पर बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहे शंकराचार्य स्वरुपानंद ने अब PK और फिल्म के निर्माताओं को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि फिल्म के जरिए भगवान शंकर का अपमान किया गया है. उन्होंने कहा, शंकर जी हमारे भगवान हैं और हम उन्हें अराध्य मानते है.

दरअसल, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी, हंसी से लोटपोट करती मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर की इस फिल्म में भगवान शंकर के वेष में एक बहरूपिए को दिखाया गया है. यही बात शंकराचार्य के गले नहीं उतर रही. लिहाजा उन्होंने फिल्म पर आपत्ति जताई है.

बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई कर रही है PK
19 दिसंबर को रिलीज हुई आमिर की यह फिल्म कमाई के मामले में एक हफ्ते में ही 200 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है. फिल्म समीक्षकों के साथ-साथ दर्शकों ने भी आमिर और पीके की पूरी टीम को दिल में जगह दी है. बिना जाति-मजहब का भेद किए दर्शक अपनी जेब ढीली कर फिल्म देख रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि एक फिल्म को धर्म के तराजू पर रखकर तोलना कितना मुनासिब है. अगर वाकई किसी सीन को लेकर आपत्ति है तो दर्शकों ने इसे क्यों नहीं नकार दिया. आखिर पीके से कैसी प्रॉब्लम?

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