शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने अमरनाथ यात्रा पर सवालिया निशान लगाने वालों को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने मांग की है कि अमरनाथ यात्रा और पवित्र गुफा में बनने वाले शिवलिंग को लेकर जो लोग विवादित बयान जारी कर रहे हैं उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हो.
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का कहना है कि ऐसे बयानों से सांप्रदायिक एकता को खतरा पैदा हो रहा है. हाल ही में सामाजिक कार्यकर्त्ता स्वामी अग्निवेश और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अमरनाथ यात्रा को बेतुका करार दिया था. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी शंकराचार्य की मांग को जायज ठहराया है.
साईं भक्तों पर पैनी निगाह रखने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने अब अमरनाथ यात्रा पर सवालिया निशान लगाने वालों की ओर तिरछी नजर की है. उन्होंने अमरनाथ यात्रा को शिव भक्ति और पवित्र गुफा को आस्था का केंद्र करार दिया है.
स्वरूपानंद ने मांग की है कि अमरनाथ यात्रा को लेकर विवादित ब्यान देने वालो के खिलाफ सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उनके मुताबिक इस तरह के ब्यानों से ना केवल हिन्दू देवी देवताओं का माखोल उड़ाया जा रहा है बल्कि सांप्रदायिक एकता पर भी इन बयानों से बुरा असर पड़ रहा है.
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में चौमासा कर रहे स्वामी स्वरूपानंद का ध्यान अमरनाथ यात्रियों की ओर है. उन्होंने कहा है कि अमरनाथ यात्रा सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार को ठोस प्रयास करने चाहिए. स्वरूपानंद ने कहा है कि अमरनाथ गुफा के शिवलिंग को सिर्फ बर्फ के टुकड़े के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
ऊधर, राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के बयानों का समर्थन कर रहे हैं. उनके मुताबिक अमरनाथ यात्रा में शामिल भक्तों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए. यही नहीं यात्रा मार्ग को दुर्घटना रहित बनाया जाना चाहिए. ताकि लोग आसानी से भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर सके. रमन सिंह ने कहा है कि यदि मौका मिला तो वे भी बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए जाएंगे.