बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने गुरुवार को दलितों के प्रति बीजेपी के प्रेम को झूठा करार दिया. उन्होंने कहा कि दलित परिवारों के साथ नेताओं का भोजन करना विशुद्ध रूप से राजनीतिक कृत्य है.
द्वारकापीठ और शारदापीठ के शंकराचार्य ने कहा, ‘बिना पूर्व सूचना के वो क्यों नहीं उनके साथ भोजन करते हैं. राजनीतिक फायदे के लिए दलितों के साथ उज्जैन में क्षिप्रा नदी में स्नान करने की एक नई परंपरा स्थापित की गई. नदियों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाति, धर्म या वर्ण के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है.’ दलितों के प्रति बीजेपी के प्रेम को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा कि दलित परिवारों के साथ भोजन करना राजनीतिक कृत्य है.
'जब ब्राह्मण मरता है तो क्यों चुप रहते हैं'
वहीं, बिसहड़ा मामले में रिपोर्ट सामने आने के बाद की स्थिति पर स्वरूपानंद ने कहा कि बेशक, जिन लोगों ने कानून हाथ में लिया, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. उन्होंने बेहद तीखे शब्दों में कहा, ‘जब कोई ब्राह्मण मरता है, तो सरकार को सहिष्णुता नहीं दिखाती. लेकिन जब कोई अल्पसंख्यक मरता है तो चिल्लाने लगते हैं.’ उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं पूरी करती. जब गौहत्या पर प्रतिबंध है, तो फिर कोई ऐसा क्यों करता है.
यूपी-हरियाणा पर उठाए सवाल
उन्होंने आरोप लगाया , ‘अभी भी आए दिन उत्तर प्रदेश व हरियाणा के एक बड़े हिस्से से असम व पश्चिम बंगाल को निरंतर गायों की तस्करी की जा रही है. उनका खुलेआम वध किया जा रहा है. गौहत्या बंद होने के बावजूद अगर सरकार रोकथाम नहीं कर पाती तो निश्चित ही यह उसकी विफलता का सूचक है.’