साईं को भगवान न मानने का फरमान जारी करने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने फिर विवादित बयान दिया है. शंकराचार्य ने अब कहा है कि अगर किसी हिन्दू पुरुष के पहली पत्नि से बच्चा नहीं हो रहा है तो वो व्यक्ति एक से ज्यादा शादी कर सकता है.
शंकराचार्य के इस अजीबोगरीब बयान का संतों ने भी सर्मथन किया है. धर्म शास्त्रों का हवाला देते हुए संतों ने कहा है कि हिन्दू शास्त्रों में पहले से ही इस तरह की व्यवस्था है. कोई भी व्यक्ति वंश चलाने के लिए एक से ज्यादा शादी कर सकता है. महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने बताया कि शिव भक्त सुदेवा की पहली शादी सुधर्मा के साथ हुई थी लेकिन जब उनके कोई संतान नहीं हुई तो उसने संतान के लिए घुमना नाम की महिला के साथ शादी की थी.
हरिद्वार के अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने भी शंकराचार्य के बयान का सर्मथन किया है और कहा कि उनके पिता ने खुद दो शादियां की थी. पहली पत्नी के कोई संतान हो या न हो पर शास्त्रों के अनुसार कोई भी एक से ज्यादा शादी कर सकता है.
विवाह की जरूरतों के बारे में बताते हुए मातृ सदन आश्रम के स्वामी शिवानंद ने कहा कि शास्त्रों में विवाह का वर्णन वंश चलाने के लिए आता है न कि सिर्फ संभोग के लिए. इसलिए अगर पहली पत्नी से संतान ना हो तो वह संतान के लिए और वंश चलाने के लिए एक से ज्यादा विवाह कर सकता है.