प्याज की बढ़ती कीमतों से जहां आम जनता परेशान है तो वहीं कृषिमंत्री शरद पवार ने इस मुद्दे पर बैठक बुलाई है. प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है.
इस बैठक में प्याज की बढ़ती कीमतों को रोकने पर विचार किया जाएगा. इससे पहले गुरुवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इसी मुद्दे पर शरद पवार को चिठ्ठी भी लिखी थी. चुनावी साल में प्याज की बढ़ी हुई कीमतों ने दीक्षित की भी नींद उड़ा दी.
प्याज के दामों में कमी लाने के लिए उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर मांग की थी कि प्याज के निर्यात में कटौती की जाए, ताकि लोगों को सस्ती दरों पर प्याज मिल सके. मुख्यमंत्री को यह भी डर सता रहा कि 1998 में प्याज की बढ़ी हुई कीमतों पर बीजेपी सरकार की करारी हार हुई थी. तब भी प्याज के दाम 40 रुपये प्रति किलो तक हो गए थे.
एक बार फिर प्याज की कीमतें 35 रुपये से लेकर 40 रुपये तक पहुंच गई हैं. शीला दीक्षित ने गुरुवार को कहा था कि प्याज की कीमतों को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे. बैठक में अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि करीब 15 दिनों के अंदर प्याज की आवक बढ़ जाएगी.