एक तरफ भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे को लेकर अड़ी हुई है, लेकिन उसकी सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) इससे सहमत नहीं है.पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने इशारों में पीएम के इस्तीफा की मांग पर अहमति जताई है.
शरद यादव ने कहा, 'ऐसा जरूरी नहीं है कि पीएम इस्तीफा दें. सबसे पहले उनके मंत्रियों को इस्तीफा देना चाहिए.'
गौरतलब है कि कोलगेट मुद्दे पर बीजेपी ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर बजट सत्र के दूसरे पक्ष में संसद को नहीं चलने दिया. सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध इस कदर बढ़ गया कि वित्त विधेयक बिना चर्चा के पास हुआ. वहीं, खाद्य सुरक्षा बिल और भूमि अधिग्रहण जैसे अहम बिल अटक गए.
शरद यादव ने कहा, 'कानून मंत्री अश्विनी कुमार को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. पहले भी कई ऐसे मौके रहे हैं, जब मंत्रियों ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया है. अगर कानून मंत्री दोषी नहीं है तो इस्तीफा दें और खुद को बेकसूर साबित करें.'
संसद नहीं चलने देने को लेकर बीजेपी की रणनीति पर भी उन्होंने असहमति जताई. शरद यादव ने कहा, 'संसद नहीं चलने देना सही उपाय नहीं है. संसद में चर्चा से भी सरकार पर दबाव बनाया जा सकता है. हालांकि शुरुआत में भी मैं कुछ दिनों तक संसद को नहीं चलने देने के पक्ष में था.'
जेडीयू अध्यक्ष ने कहा, 'नेता टीवी चैनलों पर चर्चा कर रहे थे पर संसद में कोई चर्चा नहीं हुई. हर दिन किसी पार्टी ने अलग-अलग मुद्दों पर संसद में हंगामा किया.'
इसके अलावा शरद यादव ने रेल मंत्री पवन बंसल का भी इस्तीफा मांगा. उन्होंने कहा, 'बंसल को इस्तीफा दे देना चाहिए. अभी भी देरी नहीं हुई. मेरी समझ में यह आता कि पीएम उन्हें अपने मंत्रिमंडल से क्यों नहीं हटा रहे हैं?'