बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लालू यादव को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लेने के बाद जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव गुरुवार को अपने अगले कदम का ऐलान कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक शरद यादव ने बागी तेवर तेज कर लिए हैं.
गुरुवार को उन्होंने दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 'साझी विरासत बचाओ' नाम से एक सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसमें तमाम विपक्षी नेताओं को न्योता भेजा गया है.
माना जा रहा है कि शरद यादव गुरुवार को सांसद अली अनवर समेत अपने कुछ समर्थकों को लेकर एक गैर राजनीतिक मंच का ऐलान कर सकते हैं, जिसके जरिए वह नीतीश कुमार के खिलाफ पार्टी के भीतर की जंग जारी रखेंगे. सूत्रों के मुताबिक, शरद यादव ने बागी तेवर तेज किए हैं और 19 अगस्त को वह और अली अनवर पटना जाएंगे जहां वह श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में 11 बजे 'जन अदालत सम्मेलन' करेंगे.
नीतीश कुमार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने के बाद शरद यादव को जनता दल यूनाइटेड ने राज्यसभा में अपने संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया था. उनके साथ नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत करने वाले राज्यसभा के सांसद अली अनवर के खिलाफ भी कार्रवाई की गई. बिहार में शरद यादव के करीबी 21 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया, क्योंकि वे लोग शरद यादव की यात्रा में शामिल हुए थे. पार्टी से निकाले गए नेताओं में पूर्व मंत्री और दलित नेता रमई राम भी शामिल थे जिन्हें शरद यादव कैंप का माना जाता है.
गुरुवार को साझा विरासत बचाओ सम्मेलन के लिए शरद यादव पूरी जी जान से जुटे हुए हैं ताकि वह विपक्ष को एकजुट करने वाले नेता के तौर पर अपनी पहचान बना सकें. इसके लिए बीआर अंबेडकर के पड़पोते प्रकाश अंबेडकर को भी बुलाया गया है और महाराष्ट्र के किसान नेता राजू शेट्टी को भी, जिनकी संस्था स्वाभिमानी शेतकारी संगठन एनडीए के साथ थी, लेकिन आजकल एनडीए से उसके संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं.
शरद यादव ने इसमें कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद को भी बुलाया है और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी को भी. लेकिन सीपीएम इसमें हिस्सा लेगा या नहीं, इसको लेकर अभी संशय बना हुआ है. बुधवार को शरद यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि उन्होंने विपक्ष के सभी नेताओं को साझी विरासत बचाव सम्मेलन में बुलाया है. बुधवार को उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस में खास बात यह रही कि उन्होंने कई बार पूछे जाने के बावजूद नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला और सिर्फ इतना कहा कि उनका यह सम्मेलन किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि देश की साझी विरासत बचाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या रोहित वेमुला जैसे कांड और उना में दलितों पर हमला जैसी घटनाओं ने उन्हें इस सम्मेलन को बुलाने के लिए प्रेरित किया.
लालू की रैली में गए तो होगी दिक्कत
उधर बुधवार को जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने शरद यादव के कॉन्फ्रेंस के बारे में कहा की शरद यादव अगर देश की साझी विरासत बचाने के लिए लोगों को लामबंद करते हैं तो उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अगर शरद यादव 27 अगस्त को पटना में होने वाले लालू यादव की रैली में हिस्सा लेते हैं तो जेडीयू में उनके लिए कोई जगह नहीं रह जाएगी. खास बात यह है कि जेडीयू भी 19 तारीख को पटना में पार्टी की बैठक करने जा रहा है, जिसमें औपचारिक रूप से जेडीयू के एनडीए में शामिल होने का ऐलान कर दिया जाएगा.
शरद यादव कैंप के नेताओं ने दावा किया था कि जेडीयू के 14 राज्य इकाइयों का समर्थन उन्हें हासिल है, लेकिन केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू की सिर्फ पांच राज्य इकाइयों को चुनाव आयोग में मान्यता प्राप्त हैं और उनमें से चार राज्य इकाइयां नीतीश कुमार के साथ हैं.
हालांकि शरद यादव को पार्टी से निकाले जाने के बारे में पूछे जाने पर एक बार फिर केसी त्यागी ने कहा कि शरद यादव जेडीयू के वरिष्ठ नेता हैं और हम नहीं चाहते कि उनके खिलाफ पार्टी को कोई भी कदम उठाना पड़े. लेकिन इसके लिए उन्हें लालू यादव जैसे भ्रष्ट नेता से संबंध तोड़ना ही होगा.