हर साल राष्ट्रपति भवन में भव्य समारोह होता है, जब पद्म पुरस्कार दिए जाते हैं. अपने-अपने फन में माहिर लोगों को सरकार चुनती है और उन्हें विशिष्ट नागरिक सम्मानों से सम्मानित करती है. लेकिन इस बार पद्म समारोह के कुछ दिन बाद ही ये विवादों में घिर गया है. नया विवाद जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव के बयान से पैदा हो गया है.
पद्म श्री मेरे लेवल का नहीं है: सलीम खान
जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव अपने विवादित बोल से फिर सुर्खियों में हैं. इस बार शरद यादव ने पद्म सम्मान पर हमला बोला है. शरद यादव ने मुंबई में ये कहकर पद्म पुरस्कारों पर हमला बोला और कहा कि पद्म पुरस्कार सिर्फ मक्कारों, बेईमानों और बड़े लोगों का मिलता है. उन्होंने गरीबों और आदिवासियों का हवाला देकर सवाल किया कि अब तक पद्म पुरस्कारों के लिए आदिवासियों के बीच से कोई क्यों नहीं चुना गया.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले लेखक सलीम खान ने पद्मश्री लेने से इनकार कर दिया था. उनका कहना था उनकी हस्ती पद्मश्री से बड़ी है. सलीम खान और अब शरद यादव के सवाल सिर्फ पद्म पुरस्कार की चयन प्रकिया पर सवाल नहीं हैं बल्कि देश के सबसे विशिष्ट नागरिक सम्मानों को लेकर नजरियों पर भी सवाल है.
शरद यादव ने कुछ दिन पहले सांवली सूरत पर भी सवाल उठाया था. तब खूब हंगामा बरपा. इसे नारी सम्मान से भी जोड़ी गया और नस्ली टिप्पणी से भी. नया विवादित बयान पद्म पुरस्कारों पर है. जाहिर है, ये भी यूं ही थमने वाला नहीं है.