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उर्जित पटेल की विदाई और आज के चुनाव नतीजों का शेयर बाजार पर क्या होगा असर?

रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी की हार की संभावनाओं के बीच भारतीय शेयर बाजार में जोरदार गिरावट की उम्मीद है. सोमवार को 600 अंकों की अधिक गिरावट के साथ बंद होने वाले सेंसेक्स के लिए चुनाव के शुरुआती नतीजे बेहद अहम रहेंगे.

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भारतीय शेयर बाजार (प्रतीकात्मक फोटो)
भारतीय शेयर बाजार (प्रतीकात्मक फोटो)

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भारतीय शेयर बाजार पर पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में केन्द्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की हार की संभावनाओं के बीच केन्द्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के तत्काल प्रभाव से दिए गए इस्तीफे के असर से जोरदार गिरावट की आशंका जताई जा रही है.   

शेयर बाजार के दो प्रमुख बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) के इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी पर इसके अलावा कई वैश्विक संकट का असर पड़ रहा है. इन विदेशी कारणों से सेंसेक्स और निफ्टी में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को जोरदार गिरावट देखने को मिली थी. दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स को 600 से अधिक अंको की गिरावट के साथ कारोबार करते देखा गया.

गौरतलब है कि देश में लोकसभा चुनाव में 6 महीने से कम समय बचा है. ऐसे में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी की हार की संभावना सभी एक्जिट पोल ने जाहिर की है. बाजार को देखना यह है कि चुनाव नतीजों के शुरुआती आंकड़ों का रुख किस तरफ रहेगा.

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वैश्विक कारणों में बीत हफ्ते विएना में ओपेक देश और रूस समेत सभी समर्थक देशों ने कच्चे तेल की कीमतों को काबू करने के लिए बड़ी कटौती का ऐलान किया है. इस समझौते के तहत कच्चे तेल उत्पादक सभी देश प्रतिदिन कच्चा तेल उत्पादन में 12 लाख बैरल की कटौती करेंगे. इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत एक बार फिर भागने लगेगी और इस क्षेत्र का जानकारों का मानना है कि इससे भारत, चीन और जापान जैसे देशों के लिए बड़ी आर्थिक चुनौती खड़ी हो जाएगी.

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गौरतलब है कि भारत, चीन और जापान कच्चे तेल के बड़े खरीदार देश है. वहीं अमेरिका में शेल क्रांति के चलते मौजूदा समय में अमेरिकी तेल कंपनियां अपनी पूर्ण छमता के साथ कच्चे तेल का उत्पादन कर रहे हैं. वहीं 2014 के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 30 डॉलर प्रति बैरल तक गिर जानें के कारण तेल उत्पादक खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ने लगी था. लिहाजा, मौजूदा समय में खाड़ी देशों में तेल कंपनियां कच्चे तेल का अधिक उत्पादन कर रही थीं जिससे बीते चार साल के दौरान सरकारी खजाने को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके.

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने सोमवार को तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे देने के पीछे पटेल ने निजी कारण बताया है. तत्काल प्रभाव से दिए गए इस्तीफे का मतलब है कि अब आरबीआई और केन्द्र सरकार के बीच तालमेल पूरी तरह बिखर गया है और पटेल के लिए इस पद पर जारी रहना नामुमकिन हो गया था. वहीं पूर्व केन्द्रीय बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रिजर्व बैंक के स्वायत्तता को सुरक्षित रखने की जरूरत है.

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सोमवार को शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा. सेंसेक्सय 713.53 अंक यानी 2 फीसदी टूटकर 34,959.72 के स्त र पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 205.25 अंक यानी 1.92 फीसदी टूटकर क्रमशः 10,488.45 के स्त र पर रहा.

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