सितंबर में होने वाल संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात होने वाली है. इस बैठक को लेकर सीमा के दोनों ओर के लोगों में बड़ी उम्मीदें हैं. इसके बावजूद साउथ ब्लॉक चौकस है. साउथ ब्लॉक के नीति निर्माता इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि इस्लामाबाद से किसी भी तरह की बात करने से पहले नवाज शरीफ के ‘कश्मीर प्लान’ को देखना होगा.
अंग्रेजी अखबार मेल टुडे को साउथ ब्लॉक के शीर्ष अधिकारियों के कुछ आंतरिक नोट्स की सीरीज हाथ लगी है, जिनमें कहा जा रहा है कि शरीफ ने कश्मीर को लेकर एक नई रणनीति बनायी है. कश्मीर मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने वाले नवाज शरीफ ने अब कश्मीर को लेकर अपने ही ऑफिस में एक कश्मीर सेल का गठन किया है.
नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग कथित तौर पर आतंकवादियों के प्रति लचीला रुख रखती है और उनके राज में आतंकवादियों को पंजाब में सुरक्षित ठिकाना मिल जाता है, जो उनकी पार्टी का परंपरागत गढ़ है. नवाज शरीफ के 5 जून को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद कश्मीर में लगातार हिंसा और घुसपैठ में तेजी आयी है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नया कश्मीर प्लान
1. नवाज शरीफ ने अपने मुख्य सलाहकार से कहा है कि कश्मीर को प्रमुखता दी जाए, लेकिन उनके और उनके मंत्रियों की भूमिका इसमें नहीं दिखनी चाहिए.
2. न्यूयॉर्क में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी मीटिंग में नवाज शरीफ उदारवादी दिखना चाहते हैं.
3. नई रणनीति को प्रधानमंत्री कार्यालय में बने एक कश्मीर सेल द्वारा निर्देशित किया जाएगा, जो सीधे प्रधानमंत्री को ही रिपोर्ट करेगा.
4. यह सेल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को भारत विरोधी प्रचार गतिविधियों के बारे में बताएगा और उनसे निर्देश भी लेगा.
5. आईएसआई ने आतंकवादी संगठनों को उनकी आतंकी गतिविधियों को सीमित करने को कहा है और आतंकी शिविरों को निष्क्रिय किया जाएगा.
6. घुसपैठ बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
7. आईएसआई को कश्मीर पर प्रचार करने के लिए ब्रसेल्स, लंदन, वाशिंगटन, न्यूयॉर्क और टोरंटो में कश्मीर सेल को सक्रिय करने के लिए कहा गया है.
8 संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ में कश्मीर के मुद्दे को उछालने के लिए स्थानीय गैर सरकारी संगठनों का प्रयोग करें.
9. जिहादी संगठनों से कहा गया है कि वे भारत विरोधी अपने प्रचार को जारी रखें, लेकिन सरकार को इससे पूरी तरह अलग रखें जिससे सरकार को इसके खंडन में आसानी हो सके.
बढ़ती हिंसा
नवाज शरीफ के 5 जून को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद कश्मीर में लगातार हिंसा और घुसपैठ में तेजी आयी है.
26 जुलाई: बारामुला जिले के क्रांकी शिवान गांव में जुमे (शुक्रवार) की नमाज के बाद मस्जिद से बाहर आ रहे सरपंच को आतंकवादियों ने गोली मार दी है, जिसमें सरपंच गंभीर रूप से घायल हो गया.
19 जुलाई: बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिश का भंडाफोड किया और एक आतंकवादी को मार डाला.
18 जुलाई: पुलवामा जिले के पंपोरा में आतंकवादियों ने जम्मू एवं कश्मीर के एसके इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शेख जलाल पर फायरिंग करके उन्हें घायल कर दिया जबकि इस हमले में जलाल के दो सुरक्षा गार्ड मारे गए.
18 जुलाई: रामबन जिले के गूल संगलदान इलाके में 'प्रदर्शनकारियों' के एक समूह और बीएसएफ के बीच हुए संघर्ष में चार लोग मारे गए और बीएसएफ के एक जवान व 14 पुलिस कांस्टेबल सहित 43 लोग घायल हो गए.
17 जुलाई: हिजबुल मुजाहिदीन के सर्वोच्च कमांडर सैयद सलाहुद्दीन के पूर्व बॉडीगार्ड शकील अहमद कसाना को श्रीनगर से बारामुला ले जाने के दौरान पुलिस वाहन पर हुए ग्रेनेड हमले में कसाना मारा गया और चार पुलिसकर्मी घायल हो गए.
13 जुलाई: उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों ने एक पुलिसकर्मी की गर्दन काट दी.
10 जुलाई: कुपवाड़ा के लोलाब में एक आतंकी मुठभेड़ में भारतीय सेना का एक कमांडो शहीद हो गया.
9 जुलाई: कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में एलओसी के पास भारतीय सेना ने आतंकवादियों की एक बड़ी घुसपैठ को नाकाम कर दिया और 5 आतंकवादियों को मार डाला.
1 जुलाई: पुलवामा जिले के मुंदूरा त्राल में एक मुठभेड़ में तीन प्रमुख हिज्बुल आतंकी मारे गए जबकि एक सिपाही शहीद हो गया.
24 जून: कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में एलओसी से घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया.
1 जून: श्रीनगर के हैदराबाद इलाके में घात लगातार बैठे हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों ने 8 सैनिकों को मार दिया.