पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए नागपुर पहुंच चुके हैं. बुधवार को नागपुर पहुंचने पर आरएसएस के स्वयंसेवक उन्हें लेने पहुंचे. पिता प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में शामिल होने से उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी नाखुश हैं. उन्होंने प्रणब मुखर्जी को नसीहत दी है.
शर्मिष्ठा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उम्मीद है आज की घटना के बाद प्रणब मुखर्जी इस बात को मानेंगे कि बीजेपी किस हद तक गंदा खेल कर सकती है. यहां तक कि आरएसएस भी इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि आप अपने भाषण में उनके विचारों का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि भाषण तो भुला दिया जाएगा, लेकिन तस्वीरें बनी रहेंगी और उनको नकली बयानों के साथ प्रसारित किया जाएगा.
Hope @CitiznMukherjee now realises from todays’ incident, how BJP dirty tricks dept operates. Even RSS wouldn’t believe that u r going 2 endorse its views in ur speech. But the speech will be forgotten, visuals will remain & those will be circulated with fake statements. 1/2
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 6, 2018
.@CitiznMukherjee By going 2 Nagpur, u r giving BJP/RSS full handle 2 plant false stories, spread falls rumours as 2day & making it somewhat believable. And this is just d beginning! 2/2
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 6, 2018
बता दें ऐसी खबरें सामने आ रही थीं कि शर्मिष्ठा बीजेपी से जुड़ सकती हैं. इन्हीं खबरों का जिक्र करते हुए शर्मिष्ठा ने कहा कि बीजेपी किस हद तक गंदा खेल कर सकती है. शर्मिष्ठा के मुताबिक उनकी बीजपी से जुड़ने की अफवाह फैलाई गई.
In the mountains enjoying a beautiful sunset, & suddenly this news that I’m supposedly joining BJP hits like a torpedo! Can’t there be some peace & sanity in this world? I joined politics because I believe in @INCIndia Wud rather leave politics than leave Congress
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 6, 2018
उन्होंने पिता को नसीहत देते हुए आगे लिखा कि नागपुर जाकर आप बीजेपी और आरएसएस को फर्जी कहानियां बनाने, जैसे आज उन्होंने अफवाह फैलाई, वैसी अफवाह फैलाना और उसको सही तौर पर मनवाने का मौका दे रहे हैं. अभी तो ये शुरुआत है.
कांग्रेस के कई नेता भी दे चुके हैं प्रणब के विरोध में बयान
प्रणब के नागपुर में आरएसएस मुख्यालय जानने से सिर्फ उनकी बेटी शर्मिष्ठा नाखुश नहीं हैं. कांग्रेस के कई नेता भी प्रणब के विरोध में बयान दे चुके हैं. वहीं बुधवार को इन कांग्रेसी नेताओं की बयानबाजी के जवाब में RSS के थिंक-टैंक कहे जाने वाले मनमोहन वैद्य ने एक लेख लिखा. इसमें उन्होंने प्रणब के विरोध को कांग्रेस का बैद्धिक आतंकवाद करार दिया है.
जो बोलना है नागपुर में बोलूंगा- प्रणब मुखर्जी
इसके पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को कांग्रेस के नेताओं ने ये नसीहतें दी कि वो क्या बोलें और क्या न बोलें. हालांकि प्रणब मुखर्जी ने इन सबको दो टूक जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'मुझे जो बोलना होगा, मैं वहीं बोलूंगा. और नागपुर में जाकर ही बोलूंगा. मेरे पास कई चिट्ठियां और फोन कॉल आए हैं. मैंने किसी का जवाब नहीं दिया.'
बता दें प्रणब मुखर्जी 7 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नागपुर मुख्यालय में संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष ओटीसी (ऑफिसर्स ट्रेनिंग कैंप) में शामिल हो रहे स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे.
अपने पूरे राजनीतिक करियर में कांग्रेस से जुड़े रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस की सरकारों के दौरान वित्त, रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले हैं, जबकि आरएसएस को भारतीय जनता पार्टी के मातृ संगठन के रूप में में जाना जाता है. बताया जाता है कि पिछलेकुछ वर्षों में प्रणब मुखर्जी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बीच अच्छे रिश्ते बन गए हैं.
गौरतलब है कि गर्मियों के दौरान आरएसएस पूरे देश में अपने स्वयंसेवकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है. तृतीय वर्ष का अंतिम प्रशिक्षण शिविर संघ के मुख्यालय नागपुर में आयोजित किया जाता है. अक्सर तृतीय वर्ष प्रशिक्षण हासिल करने के बाद ही किसी स्वयंसेवक को आरएसएस का प्रचारक बनने के योग्य माना जाता है.