कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं. थरूर देश के जाने माने नेता होने के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा पर अपनी पकड़ के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपने ट्विवटर हैंडल पर अमेरिका में 'हाउडी मोदी' को लेकर एक जानकारी शेयर की. लेकिन ये जानकारी शेयर करते समय उन्होंने कुछ गलतियां कर दी. इन गलतियों के बाद लोगों ने ट्विटर पर तेजी से प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी. इसके बाद थरूर को इस मुद्दे पर सफाई देनी पड़ी.
शशि थरूर ने पीएम मोदी के अमेरिका में आयोजित कार्यक्रम हाउडी मोदी को मिली अपार सफलता की तुलना जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी से की. इसके लिए उन्होंने ट्विटर पर जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर शेयर की. इसमें उन्होंने लिखा कि देखिए अमेरिका में वर्ष 1954 में पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का स्वागत हुआ था. इसके लिए ना तो कोई विशेष जनसंपर्क अभियान किया गया था और ना ही एनआरआई क्राउड मैनेजमेंट किया गया था. इसमें थरूर से दो गलतियां हो गईं. पहली कि उन्होंने जो तस्वीर शेयर की थी वह अमेरिका की नहीं थी. दूसरी गलती यह कि उन्होंने इंदिया गांधी की जगह इंडिया गांधी लिख दिया.
Nehru & India Gandhi in the US in 1954. Look at the hugely enthusiastic spontaneous turnout of the American public, without any special PR campaign, NRI crowd management or hyped-up media publicity. pic.twitter.com/aLovXvCyRz
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 23, 2019
लोगों को इतने बड़े नेता से ऐसी गलती की उम्मीद नहीं थी. उनके इस ट्वीट को देखते ही लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी. ट्विटर पर इस गलती को बताने वाली प्रतिक्रिया की बाढ़ सी आ गई. कुछ लोगों ने लिखा कि यह तस्वीर अमेरिका की नहीं बल्कि रूस की है. यह कांग्रेस की असली संस्कृति को दिखाता है. कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि 1954 में इंदिरा गांधी किसी पद पर नहीं थी, फिर जवाहर लाल नेहरू उन्हें किस हैसियत से रूस लेकर गए.
इसके बाद शशि थरूर को अपनी गलती का एहसास हुआ. उन्होंने गलती का सुधार करते हुए दोबारा लिखा कि शायद यह तस्वीर अमेरिका नहीं बल्कि रूस की है. लेकिन इसके बावजूद इस फोटो के द्वारा दिया गया संदेश नहीं बदलता कि वहां विदेश में उनका जोरदार स्वागत किया गया था. हालांकि मोदी का भी जोरदार स्वागत हुआ, यह देश के लिए गर्व की बात है.I am told this picture (forwarded to me) probably is from a visit to the USSR and not the US. Even if so, it still doesn't alter the message: the fact is that former PMs also enjoyed popularity abroad. When @narendramodi is honoured, @PMOIndia is honoured; respect is for India. https://t.co/9KQMcR0zTD
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 23, 2019