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शशि थरूर बोले- CAA के बाद अगर NRC-NPR लागू हुआ तो ये जिन्ना की जीत

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद जिन्ना की विचारधारा इस देश में जीत रही है. उन्होंने कहा कि अब भी देश के सामने रास्ता बचा है.

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जयपुर लिटरेचर फेस्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर (फोटोः PTI)
जयपुर लिटरेचर फेस्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर (फोटोः PTI)

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  • जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सरकार को घेरा
  • टेनिस का उदाहरण देकर समझाया- जिन्ना आगे
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन और विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 44 दिनों से इस कानून के विरोध में धरना-प्रदर्शन जारी है. शाहीन बाग की तर्ज पर देश के कई शहरों में प्रदर्शन हो रहा है, जिसमें महिलाएं बढ़चढ़ कर भाग ले रही हैं. जबकि विपक्ष भी सीएए और एनआरसी को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है. शशि थरूर ने नागरिकता संशोधन कानून पर एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा है.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सीएए को लेकर फिर से बयान दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, थरूर ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के बाद अगर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) लागू हो जाता है तो पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना जीत जाएंगे. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद जिन्ना की विचारधारा इस देश में जीत रही है. उन्होंने कहा कि अब भी देश के सामने रास्ता बचा है.

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शशि थरूर ने कहा, '' मैं यह नहीं कह रहा हूं कि जिन्ना पूरी तरह से जीत चुके हैं, अब भी देश के सामने रास्ता बचा है. हम जिन्ना और गांधी की विचारधारा में से एक को चुन सकते हैं.'' उन्होंने यह बयान जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान रविवार को दिया है.

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून देश में दिसंबर में लागू हुआ था. तब से इसके विरोध में लगातार देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है. साथ ही विपक्ष भी इसे लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों ले रहा है.

टेनिस से तुलना कर थरूर ने समझाया

लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान थरूर ने कहा कि सीएए लागू होने के बाद ये जिन्ना की टू नेशन थ्योरी को पूरा करने जैसा है. जिन्ना की विचारधारा थी कि देश का आधार धर्म होना चाहिए, जबकि गांधी मानते थे कि सभी धर्म समान हैं. उन्होंने कहा, '' अगर इसे आप टेनिस के टर्म में समझें तो सीएए लागू होने के बाद जिन्ना एक सेट जीतकर बड़ी लीड ले रहे हैं, लेकिन अगर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) लागू हो जाता है तो समझें कि जिन्ना की जीत पूरी हो गई.''

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भारतीय जनता पार्टी कहती है कि एनपीआर यूपीए सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था. इस पर शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में लिए गए फैसले को ही आगे बढ़ाया था. उन्होंने कहा कि यह पहले कभी नहीं पूछा गया था कि आपके माता-पिता कहां जन्मे थे. ऐसा एनपीआर पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी की ही खोज है.

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कांग्रेस नेता ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में सिर्फ एक समुदाय को छोड़ दिया गया और अगर यह ऐसे ही लागू होता है तो यह निश्चित तौर पर जिन्ना की जीत होगी. उन्होंने कहा, ''ऐसे में जिन्ना जहां कहीं भी होंगे वह कह रहे होंगे कि विभाजन के वक्त हम सही थे. हमने पाकिस्तान को मुस्लिमों का अलग देश बनाकर सही किया क्योंकि हिंदू न्याय नहीं कर रहे हैं.''

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