सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि सुनंदा की मौत के बाद करीब साल भर तक वो चुप रहे क्योंकि पुलिस जांच चल रही थी. उन्होंने कहा कि उनकी खामोशी का मतलब यह नहीं कि वो दोषी हैं. थरूर ने सुनंदा की हत्या मामले में पुलिस जांच में पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
थरूर ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मेरी चुप्पी के कई मतलब निकाले गए. मैं चार दिन से चुप नहीं हूं. एक साल से हूं. क्योंकि ये पुलिस की जांच का मामला है. इस पर कोई भी बयान देना न्याय के रास्ते में आने जैसा है. मगर चार दिन से कई षडयंत्र कथाएं फैलाई जा रही हैं.'
उन्होंने कहा, 'मेरी आज भी यही सोच है. मैं टीआरपी या जनता की बहस के लिए कोई मसाला नहीं देने जा रहा है. मैं एक दुखी पति के तौर पर सामने हूं. जिसकी पत्नी अब नहीं है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. मेरा स्टाफ, सुनंदा का स्टाफ, इसमें पूरी मदद कर रहा है.'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'हालांकि जांच को लेकर मेरे मन में कई सवाल हैं. इस सिलसिले में मैंने कल दिल्ली पुलिस कमिश्नर को विस्तार से एक खत लिखा है. मुझे उम्मीद है कि वह इस पर निजी तौर पर ध्यान देंगे. देना भी चाहिए. क्योंकि इस मामले को लेकर बहुत और बिला वजह विवाद हो रहा है. झूठ कहे जा रहे हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए यह जरूरी है कि प्रोफेशनल ढंग से केस सॉल्व हो. बिना किसी पॉलिटिकल प्रेशर के. फेयर इन्क्वायरी हो. सुनंदा की मौत के कुछ दिनों के भीतर ही मैंने गृह मंत्रालय को लिखा था. तब भी यही मांग की थी कि मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच हो.'
थरूर ने कहा, 'मेरी पत्नी गुजरी है. मगर मुझे शोक मनाने की मोहलत भी नहीं दी गई. और अब मैं यहां आयुर्वेद थेरेपी के लिए आया, तो मेरी गैरमौजूदगी पर बातें की जा रही हैं. इसलिए मैं आपके सामने आया हूं. मेरा स्टैंड वही है. मैं जनता के बीच उठाए जा रहे शक, शुबहों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. पुलिस को पूरा सहयोग करूंगा.'
उन्होंने कहा, 'मैं मीडिया से अपील करता हूं कि सुनंदा के परिवार के लिए, हमारे लिए कुछ सम्मान दिखाएं. कवरेज के दौरान मानवीय गरिमा बचाए रखें.'