शाजिया इल्मी ने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के लिए उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया और कहा कि वह कोई और पार्टी ज्वॉइन नहीं करेंगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वो अरविंद केजरीवाल का बहुत सम्मान करती हैं लेकिन उनके जेल के खेल से सहमत नहीं हैं.
शाजिया ने कहा, ‘केजरीवाल पार्टी में ही लोकतंत्र लागू नहीं कर पा रहे हैं. मुझे पार्टी ने दरकिनार किया. काफी सोचने के बाद मैंने इस्तीफा दिया. अरविंद के लिए यह वक्त आत्म मंथन का है. लोगों के बीच जाएं केजरीवाल.’
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी दिशाहीन हो गई है. शाजिया ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल एक चौकड़ी से घिरे हैं उन्हें ये करीबी जकड़े हुए हैं. उन्हें (अरविंद को) इससे बाहर निकलना चाहिए.’
शाजिया ने कहा, ‘पार्टी को नई सोच अपनानी होगी. सनसनी के लिए धरनों का कोई फायदा नहीं है. अरविंद केजरीवाल स्वराज का पालन नहीं कर रहे हैं.’
शाजिया ने कहा, ‘मुझे पार्टी ने दरकिनार किया. अलग आवाज उठाई, इसलिए दरकिनार कर दी गई.’
साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जो आम आदमी पार्टी डेमोक्रेसी की बात करती है उसी पार्टी के भीतर डेमोक्रेसी नाम की कोई चीज नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जेल के खेल में वक्त जाया ना करें. उन्हें बेल बॉन्ड भर देना चाहिए. जेल में तमाशा करने के बजाए लोगों के बीच में जाए केजरीवाल.’
उन्होंने कहा, ‘मैं समझ सकती हूं कि एक उसूल की वजह से अरविंद ने बॉन्ड नहीं भरा लेकिन उन्हें बेल भरना चाहिए और अभी पार्टी को बनाने पर ध्यान देना चाहिए. अपने आसपास के उन चार लोगों से निकल वो बेल भरें और जाएं यूपी, एमपी और बिहार. लोगों से मिलें.’
शाजिया ने यह भी बताया कि वो चुनाव के दौरान गाजियाबाद में ही पार्टी छोड़ना चाहती थी लेकिन उन्होंने रिजल्ट का वेट किया. अंत में उन्होंने कहा कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगी.
गौरतलब है कि इससे पहले विनोद कुमार बिन्नी भी पार्टी से नाराज हो कर इस्तीफा दे चुके हैं.
इ्स्तीफे पर 'आप' की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी के नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के समय से शाजिया हमारी अहम मेंबर रही हैं. उन्हें हमारे साथ चुनाव भी लड़ा. पूरे अभियान में उनकी अहम भूमिका रही. लेकिन पिछले दो महीने वह नाराज चल रही थीं. उन्होंने पार्टी से बातचीत भी की थी. चिट्ठिया भी लिखी थीं. हमने कहा था कि उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे. पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में तय हुआ था कि चुनाव बाद जो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी उसमें उन समस्याओं पर विचार-विमर्श होगा. लेकिन अब पता चला कि वो इस्तीफा दे रही हैं. हमने उनसे अनुरोध किया कि वो अपने फैसले पर पुनर्विचार करें. हमने ये भी कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस बारे में बात करेंगे. वो पीएसी की बैठक में अपनी बात रखें. अरविंद भाई अभी जेल में है. ऐसे वक्त में उनका छोड़ना ठीक नहीं है. अभी उनकी मन:स्थिति भी नहीं है ऐसे फैसले लेने की. हमें उनके इस फैसले से दुख है. आज उन्होंने कई मुद्दे उठाए. हम आत्मविश्लेषण करेंगे. उन्होंने कहा है कि अगर उनका रोल इस पार्टी में होगा तो वो वापस लौट सकती हैं. उनकी कमी खलेगी. उम्मीद है कि आज नहीं तो कल वो अपने घर वापस लौटेंगी.