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शेहला रशीद बोलीं- मेरे खिलाफ राजद्रोह का केस तुच्छ और राजनीति से प्रेरित

शेहला रशीद ने उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले को तुच्छ, राजनीति से प्रेरित और उन्हें चुप कराने का दयनीय प्रयास करार दिया. शेहला ने अपनी प्रतिक्रिया ट्वीट के जरिए जाहिर की.

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शेहला रशीद (फाइल फोटो)
शेहला रशीद (फाइल फोटो)

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  • मेरे खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा राजनीति से प्रेरित- शेहला रशीद
  • कश्मीर पर ट्वीट के बाद शेहला रशीद के खिलाफ दिल्ली में केस दर्ज

कश्मीरी सामाजिक कार्यकर्ता शेहला रशीद के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. जम्मू और कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में उनके बयान को लेकर ये केस दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने कहा कि तीन सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई है. शेहला की गिरफ्तारी की मांग करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील आलोक श्रीवास्तव की शिकायत पर एक आपराधिक शिकायत के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'उनके (शेहला रशीद) खिलाफ कश्मीर घाटी में कथित रूप से सैन्य कार्रवाई की गलत सूचना ट्वीट करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (देशद्रोह), 153-ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 504 (जानबूझकर शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने) और 505 (उपद्रव करवाने के लिए बयान देने) के तहत मामला दर्ज कराया गया है. उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई थी.'

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अब शेहला रशीद की भी इस पर प्रतिक्रिया आई है. शेहला रशीद ने अपने खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले को 'तुच्छ', 'राजनीति से प्रेरित' और उन्हें चुप कराने का दयनीय प्रयास करार दिया. शेहला ने अपनी प्रतिक्रिया ट्वीट के जरिए जाहिर की.

शेहला रशीद ने कहा, 'एफआईआर ओछी, दुर्भावनापूर्ण और मुझे चुप कराने का हद दर्जे का प्रयास है. मैं संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए जाने को संवैधानिक चुनौती देने के मामले में एक याचिकाकर्ता हूं और सुप्रीम कोर्ट में हमारी याचिका इसे बहाल करने के संबंध में एक मजबूत पक्ष रखती है. मेरे ट्वीट में मैंने स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया था कि ये राज्य के लोगों से मिली सूचना पर आधारित है.

शेहला रशीद ने कहा कि ऐसी स्थिति जहां संवाददाताओं को खबर देने की इजाजत नहीं, मीडिया, सोशल मीडिया, टेलीफोन और पत्र व्यवहार पर रोक लगी हुई हो, यह जरूरी था कि विमर्शों को लोगों के सामने रखा जाए ताकि देश के अन्य हिस्सों में रह रहे लोगों को पता चले कि जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, एक राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर मैं अपना काम कर रही थी. जिन ट्वीट के लिए मुझपर निशाना साधा जा रहा है, उनमें मैंने लोगों तक सुविधाएं सुनिश्चित करने के प्रशासन के सकारात्मक कार्यों का जिक्र किया. यह अपने आप में सबूत है कि मेरा मकसद बस सच पर प्रकाश डालना था जिसका जिक्र भारत और अन्य स्थानों पर प्रकाशित खबरों में भी किया गया. मैं कश्मीर के लोगों के अधिकारों को बहाल करने की जंग में वहां के लोगों के साथ खड़ी हूं.

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गौरतलब है कि अपने सिलसिलेवार ट्वीट में शेहला रशीद ने दावा किया था कि सेना घाटी में अंधाधुंध तरीके से लोगों को उठा रही है, घरों में छापे मार रही है और लोगों को प्रताड़ित कर रही है. उन्होंने दावा किया था कि घाटी में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एजेंडे को पूरा करने के लिए मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है. इन आरोपों पर लोगों ने काफी तीखी प्रतिक्रिया दी थी.

शेहला रशीद ने हालांकि कहा था कि जब भारतीय सेना जांच गठित करेगी तो वह सबूत देने के लिए तैयार हैं. भारतीय सेना ने शेहला के दावों को खारिज कर दिया था और इसे 'बेबुनियाद' और 'असत्यापित' बताया था. सेना की ओर से उनके दावों को खारिज करने के बाद, कई लोगों ने शेहला पर कश्मीर में शांति भंग करने के लिए फर्जी खबर फैलाने का आरोप लगाया.

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