केरल के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद अब इस बात की पूरी संभावना है कि शीला दीक्षित सक्रिय राजनीति में लौटेंगी. दिल्ली में खोया जनाधार हासिल करने के लिए कांग्रेस अगले चुनाव में शीक्षा दीक्षित को दारोमदार सौंप सकती है.
हालांकि शीला दीक्षित ने खुद दिल्ली की सियासत में लौटने को लेकर फिलहाल कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार किया है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि पद छोड़ने के बाद अब वे खुलकर इस बारे में बात करेंगी. वैसे सियासत में उनकी नई पारी को लेकर साफ संकेत मिल चुके हैं.
पिछले सोमवार को कांग्रेस भवन में कई स्थानीय नेताओं ने शीक्षा दीक्षित के साथ बंद कमरे में बैठक की. सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में शीक्षा दीक्षित को एक बार फिर से दिल्ली चुनाव में जान डालने की जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर चर्चा हुई. पार्टी समझ रही है कि अगर युवाओं को लुभाना है, तो एक बार फिर से शीला दीक्षित का चेहरा सामने लाना होगा. शीला लगातार तीन बार दिल्ली की सीएम रह चुकी हैं.
कांग्रेस को लगने लगा है कि पुराने नेतृत्व के अभाव में दिल्ली कांग्रेस में जान फूंकना आसान नहीं होगा. शीला दीक्षित को 1998 से लेकर 2013 तक सीएम पद पर रहने का अनुभव हासिल है.
गौरतलब है कि शीला दीक्षित ने मंगलवार को ही राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था. सोमवार को उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. तभी से उनके इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे थे. देखना है कि सक्रिय राजनीति में लौटकर अपनी नई पारी में वे पार्टी को कितनी कामयाबी दिला पाती हैं.