मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के बाद विरोधियों ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. कांग्रेस, सपा, टीएमसी के बाद सीपीआई ने भी नोटबंदी के लिए मोदी सरकार को जमकर घेरा है. सीपीआई के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि कोई भी नए नोट स्वीकार नहीं कर रहा है तो इनका उपयोग क्या है.
वहीं यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पैसे का मामला बहुल लंबा चलने वाला है. अभी लोगों की परेशानी बढ़ेगी. जो लोग 50 दिन के तकलीफ की बात कर रहे है, उन्हें मालूम ही नहीं की ये तकलीफ कितना लंबा चलेगी. मैंने अपने चीफ सेक्रेटरी से बात की उनके मुताबिक ये हालात 2 से 3 महीने चलेंगे.
जबकि ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम ने कहा है कि गरीब शांति से सो रहा है. ये आम आदमी का मजाक है. इस तरह से आम आदमी के साथ मजाक नहीं करना चाहिए. ममता पहले दिन से ही काफी मुखर होकर नोटंबदी के खिलाफ खड़ी हुई हैं. उन्होंने इस मसले पर विपक्ष को भी एकजुट होने के लिए कहा है.
The PM in his speech had said the poor are sleeping peacefully. This is an insult to commoners and in bad taste 1/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 14, 2016
पीएम मोदी ने गाजीपुर रैली में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि आपातकाल लगाने वाले लोगों की बात करते हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने कहा कि इंदिरा जी के शासनकाल में लगाए गए आपातकाल के पीछे कारण था. ये पूरी प्रक्रिया के तहत लगाया गया. वो संवैधानिक प्रक्रिया था, लेकिन आज असंवैधानिक आपातकालीन है.