इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू छह दिवसीय भारत यात्रा पर आ चुके हैं. रविवार को जब नेतन्याहू दिल्ली में उतरे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर उनकी आगवानी के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद थे. इससे पहले जब जुलाई पीएम मोदी ने इजरायल का दौरा किया था तो वहां भी इजरायली पीएम ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था.
भारत और इजरायल के संबंध दोनों नेताओं के आपसी रिश्तों और विदेश नीति की बदौलत मजबूत हो रहे हैं लेकिन भारत में नेतन्याहू की यात्रा का विरोध भी हो रहा है. शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने इजरायली पीएम की यात्रा का विरोध किया है. कल्बे जव्वाद ने 'आजतक' को फोन पर बताया कि इसराइल भरोसे के लायक देश नहीं है और उनके भारत दौरे का विरोध किया जाना चाहिए.
कल्बे जव्वाद के मुताबिक पूरी दुनिया में इजराइल, अमेरिका और सऊदी अरब के गठजोड़ ने आतंकवाद फैलाया है. भारत में न सिर्फ इसका विरोध होना चाहिए बल्कि इजराइल से संबंधों को तवज्जो भी नहीं दी जानी चाहिए.
वहीं लखनऊ में सुन्नी धर्मगुरु और नगर काजी फिरंगी महली ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है और खामोश रहना ही बेहतर समझा है. फिरंगी महली ने कहा कि वह इस मामले पर खामोश हैं और कुछ नहीं बोलेंगे. साफ है इजरायल को लेकर शिया और सुन्नी धर्म गुरुओं की राय भले ही एक हो लेकिन यात्रा के वक्त फिरंगी महली खामोश हैं.