मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में हिंसा के बाद अभी भी माहौल तनावपूर्ण है. गुरुवार को हुई हिंसा के बाद इलाके में माहौल लगातार बिगड़ता रहा, हालांकि रविवार को कर्फ्यू में कुछ ढील दी गई थी. इस बीच रविवार को ही एक बार फिर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई. रविवार शाम भी कुछ लोगों ने सुरक्षाबलों पर पेट्रोल बम से हमला किया.
पुलिस की टुकड़ी जिस दौरान यहां गश्त पर थी, तभी भीड़ ने उनपर पेट्रोल बम से हमला कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले भी दागे. बिगड़ते हुए हालातों के कारण अभी भी कर्फ्यू जारी है, इलाके में इंटरनेट की सुविधा भी बंद है.
पंजाब सरकार का प्रतिनिधिमंडल लेगा जायजा
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मेघालय में सिखों की सुरक्षा के लिए चिंता व्यक्त की है. कैप्टन अमरिंदर ने पंजाब सरकार के कुछ सदस्यों को हालातों का जायजा लेने मेघालय रवाना किया है. वहीं दिल्ली के विधायक मन्जिंदर सिंह सिरसा ने रविवार मेघालय का दौरा किया, उन्होंने यहां मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा से मुलाकात की.
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने रविवार को कहा कि गुरुवार को भड़की हिंसा स्थानीय मुद्दे की वजह से हुई थी और यह सांप्रदायिक प्रकृति की हिंसा नहीं थी. पंजाबी लाइन में रहने वाले लोगों और खासी समुदाय से संबंध रखने वाले सरकारी बस कर्मियों के बीच हुई झड़पों के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल के नेताओं की एक टीम दिल्ली से यहां पहुंची.
दरअसल, गुरुवार रात यहां की पंजाबी लाइन में रहने वाले कुछ लोगों का एक बस कंडक्टर के साथ हुआ झगड़ा नस्लीय लड़ाई में बदल गया था. बस चालकों ने जब इसके खिलाफ एकजुटता दिखाई तो मामला और बिगड़ गया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
स्थानीय लोगों का गुस्सा पंजाबी लाइन इलाके में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों के खिलाफ है. इसे लेकर सियासी सरगर्मी भी शुरू हो गई है. अकाली दल ने सिख समुदाय की सुरक्षा के लिए मेघालय के मुख्यमंत्री से बात की है. बस सहायक और तीन अन्य घायलों को अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.