एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बंबई उच्च न्यायालय में एक आवेदन देकर सीबीआई को यह निर्देश देने का आग्रह किया कि वह केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को आदर्श सोसाइटी घोटाले में आरोपी बनाए क्योंकि वह कथित रूप से इस इमारत में एक बेनामी फ्लैट के मालिक हैं.
आदर्श सोसाइटी के सदस्यों पर धन शोधन का आरोप लगाने और सीबीआई के साथ प्रवर्तन निदेशालय की जांच की मांग करने वाले प्रवीण वातेगांवकर ने अपने आवेदन में शिंदे पर आरोप लगाए.
वातेगांवकर का दावा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शिंदे ने आदर्श से जुड़ी फाइलें निबटाई थीं और दक्षिण मुंबई की इस आलीशान इमारत में उनका कथित रूप से एक बेनामी फ्लैट है.
वातेगांवकर का आरोप है कि शिंदे ने सोसाइटी के सदस्य के रूप में मेजर एन. खानखोजे को शामिल करने की सलाह दी थी. उनका दावा है कि पूर्व विधानपार्षद और सोसाइटी के सदस्य कन्हैयालाल गिडवानी ने आदर्श जांच आयोग के समक्ष इसका समर्थन किया था.
वातेगांवकर ने अपने आवेदन में कहा, ‘दिवंगत मेजर के पुत्र कैप्टन किरण खानखोजे भी आयोग के समक्ष पेश हुए और कहा कि जब उनके पिता ने आदर्श की सदस्यता के लिए आवेदन किया था तो किरण को सारे भुगतान करने थे. बहरहाल, उनके पिता वित्तीय रूप से स्वतंत्र नहीं थे और उन्हें सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया गया.’ आवेदन में आरोप लगाया गया कि इसके बावजूद शिंदे ने सोसाइटी को कहा कि वह खानखोजे को सदस्य बनाए.
वातेगांवकर ने यह भी दावा किया कि किरण ने आयोग को बताया कि उनके पिता ने आदर्श सोसाइटी में किसी फ्लैट के बारे में कोई जिक्र नहीं किया. उन्होंने मांग की कि प्रवर्तन निदेशालय यह जांच करे कि खानखोजे की ओर से पैसे की अदायगी किसने की और धन कहां से आया. आवेदन पर आठ जुलाई को सुनवाई होगी.