संसद में गुरुवार को शीतकालीन सत्र के शुरू होते ही सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल पर घमासान मचा गया. गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के रहमान खान सहित सत्ता पक्ष ने एक मत होकर कहा कि इस बिल को इसी सत्र में पास कराने की कोशिश की जाएगी. बिल को कानून मंत्रालय के साथ ही सभी राज्यों को भेज दिया गया है.
सुशील कुमार शिंदे ने बिल पर नरेंद्र मोदी की ओर से प्रधानमंत्री को लिखे चिट्ठी के संदर्भ में कहा कि यह बिल इस सत्र में पास हो जाएगा. मोदी ने अपना किया है, हमें अपना काम करना है. वहीं, बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, 'मोदी ने बिल्कुल सही कहा है. मुझे इस बिल पर कई गंभीर आपत्तियां हैं.'
गौरतलब है कि बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी थी. मोदी के मुताबिक इस बिल के लाने का समय संदिग्ध है और साथ ही इसका मसौदा भी सही नहीं है. मोदी ने चिट्ठी में इस बिल को बेकार बताया. साथ ही इसके मसौदे को भी घटिया करार दिया. उन्होंने इस बिल को 'रेसिपी फॉर डिजास्टर' करार दिया.
प्रधानमंत्री ने की सहयोग की मांग
वहीं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य वैधानिक महत्व वाले सभी मामलों पर सर्वसम्मति बनाना है. मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी द्वारा सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का विरोध किए जाने के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर कहा, 'हमारी कोशिश उन सभी मामलों पर सर्वसम्मति बनाने की होगी जो वैधानिक महत्व के हैं.' संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'संसद का सत्र अल्प अवधि का है, और इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे दोनों सदनों की कार्यवाही को आसान और सरल बनाने की हर संभव कोशिश करें.' उन्होंने कहा, 'हम सदन की सभी पार्टियों से आवश्यक विधेयक को पारित करने में सहयोग की मांग करते हैं.'