उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ शिवसेना और मनसे के तीखे रवैए के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सोमवार को चेतावनी दी कि सरकार चुप नहीं बैठेगी और उन्हें कानून अपने हाथों में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा, ‘‘हम चुपचाप नहीं बैठेंगे. हम अपनी कार्रवाई से यह प्रदर्शित करेंगे.’’ चव्हाण ने कहा कि अगर मनसे और शिवसेना कार्यकर्ता कानून अपने हाथों में लेते हैं तो ‘‘हम उनके खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां राजनीतिक लाभ के लिए उत्तर भारतीयों के खिलाफ अभियान चला रही हैं. ‘‘हम ऐसा नहीं होने देंगे.’’
शिवसेना और मनसे के अभियान को अस्वीकार करते हुए चव्हाण ने कहा कि संविधान के अनुसार ‘‘कोई नागरिक भारत में कहीं भी रह सकता है.’’ महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद पर चव्हाण ने कहा कि उनका प्रदेश उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन करेगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने उच्चतम न्यायालय में इस मुद्दे पर अपना पक्ष रख दिया है. कर्नाटक ने भी इस संबंध में अपनी बातें कह दी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इस चरण में अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता.’’ महाराष्ट्र ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर दावा किया है कि कर्नाटक में सीमा से लगे कुछ हिस्से उसके हैं. हालांकि कर्नाटक ने इसका विरोध किया है. उसका कहना है कि सीमा विवाद महाजन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सुलझा लिया गया है. चव्हाण ने कहा कि कर्नाटक को बेलगाम में मराठीभाषी लोगों के हितों की रक्षा करनी चाहिए. महाराष्ट्र बेलगाम पर दावा करता रहा है.