शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है. शिवसेना ने ताजा डीडीसीए विवाद को मोदी सरकार को खोखला करने का षड्यंत्र बताया.
बीजेपी के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए सामना में लिखा गया है कि 'कीर्ति आजाद का जेटली के खिलाफ बोलना और केजरीवाल को ताकत देना- इसका क्या लक्षण समझा जाए?' इसके बाद कहा गया है कि यह 'मोदी सरकार को खोखला करने का यह षड्यंत्र है और सरकार के एक-एक खंभे को कमजोर कर सरकार को गिराने का प्रयास जारी है.'
इतना ही नहीं सामना में लेख के जरिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी हमला किया गया है. सामना में लिखा है कि 'केजरीवाल की राजनीति पानी का बुलबुला है, उसे फूटने मे समय नहीं लगेगा.
मुश्किल की घड़ी में साथ बीजेपी-शिवसेना
आजतक के साथ खास बातचीत में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि 'वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला करके सरकार को कमजोर करने की साजिश की जा रही है.' उन्होंने ये भी कहा कि 'ये सवाल केवल बीजेपी की छवि का नहीं बल्कि सरकार की छवि का है.' राउत ने कहा है कि 'जेटली पार्टी का प्रमुख स्तंभ हैं, उनपर हमला हो तो हमें एकजुट होना होगा.' राउत ने ये भी कहा कि 'बीजेपी के साथ शिवसेना का खून का रिश्ता है और दोनों का डीएनए भी एक ही है.'
अपने बने बागी
डीडीसीए मामले में जहां एक ओर केजरीवाल सरकार केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को घेरने की कोशिश में लगी है, वहीं उन्हीं की पार्टी के सांसद कीर्ति आजाद के बागी तेवर भी उनके लिए काफी हद तक मुसीबत का सबब बन गए हैं. इसके अलावा कीर्ति आजाद को पार्टी नेतृत्व से लंबे समय से नाराज चल रहे बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का भी साथ मिला है. शत्रुघ्न ने कहा कि कीर्ति आजाद के लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए. इस बीच ललित मोदी ने भी जेटली के खिलाफ आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी को अपना सहयोग देने का ऑफर किया है. गौरतलब है कि ललित मोदी भी जेटली के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं.