महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में बीजेपी को निशाना बनाए जाने पर नाखुशी का इजहार किया, लेकिन शिवसेना ने इस पर ध्यान ना देते हुए बुधवार को फिर एक बार केंद्र सरकार के कदम पर सवाल उठाए. दिवाली बीतने के बाद भी शिवसेना की ओर से सियासी पटाखे छोड़ना जारी है.
मोदी और शाह की तारीफ
'सामना' के संपादकीय में यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे का जिक्र किया गया है. लेख में लिखा गया है कि 'कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है. राष्ट्रीय ध्वज श्रीनगर में फहराया गया. इसके लिए हमें नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर गर्व है, लेकिन अगर कश्मीर में सब कुछ सही है तो बाहरी प्रतिनिधिमंडल को वहां क्यों भेजा गया? क्या कश्मीर हमारा आंतरिक मामला नहीं है. पहले नेहरू संयुक्त राष्ट्र को वहां ले गए थे, उनका वो कदम अब भी सवालों के घेरे में है.
लेख में कहा गया है, 'जब यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर में है तो विपक्ष को बढ़िया मुद्दा हाथ लग गया है. आप (केंद्र सरकार) संयुक्त राष्ट्र का दखल नहीं चाहते, लेकिन प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेज रहे हैं. विदेशी लोगों का आना और कश्मीर का दौरा करना आजादी पर हमला है और गंभीर सवाल उठाता है.'
विदेशी प्रतिनिधिमंडल पर सवाल
शिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया है, 'देश के गृह मंत्री को जवाब देना होगा कि आज तक (5 अगस्त के बाद) मंत्रियों को कश्मीर नहीं जाने दिया गया है लेकिन विदेशी प्रतिनिधिमंडल कश्मीर जा रहा है और निरीक्षण कर रहा है. हम सिर्फ यही चाहते हैं कि प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे के आने वाले समय में कोई प्रभाव ना देखे जाएं.'
शिवसेना ने दिवाली का नाम लेते हुए चुटकी ली, 'दिल्ली के पटाखे फूट कर बुझ चुके हैं लेकिन राजनैतिक पटाखे भीगने के बावजूद नहीं बुझ रहे हैं. इस पटाखेबाजी में देश के महत्वपूर्ण मुद्दे पीछे रह गए हैं.'
बता दें कि प्रतिनिधिमंडल ने पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की. डोभाल ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को कश्मीर की ताजा स्थिति से अवगत कराया.