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निगम चुनाव के बाद श‍िवसेना ने दिए BJP से संघर्ष विराम के संकेत, कहा- जनादेश स्वीकार करेंं

कल्याण-डोंबिवली निगम चुनाव में बेहरीन प्रदर्शन से उत्साहित शि‍वसेना ने मंगलवार को अपने मुखपत्र के जरिए जनता का शुक्रिया किया है. दिलचस्प यह है कि 'सामना' के लेख में उसने जहां बीजेपी पर कटाक्ष का मौका नहीं छोड़ा, वहीं संघर्ष विराम के संकेत भी दिए हैं. शि‍वसेना ने लिखा है कि चुनावों के दौरान जो कुछ भी होता है, वह अस्थाई होता है.

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देवेंद्र फड़नवीस और उद्धव ठाकरे की फाइल फोटो
देवेंद्र फड़नवीस और उद्धव ठाकरे की फाइल फोटो

कल्याण-डोंबिवली निगम चुनाव में बेहरीन प्रदर्शन से उत्साहित शि‍वसेना ने मंगलवार को अपने मुखपत्र के जरिए जनता का शुक्रिया किया है. दिलचस्प यह है कि 'सामना' के लेख में उसने जहां बीजेपी पर कटाक्ष का मौका नहीं छोड़ा, वहीं संघर्ष विराम के संकेत भी दिए हैं. शि‍वसेना ने लिखा है कि चुनावों के दौरान जो कुछ भी होता है, वह अस्थाई होता है.

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शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, 'केडीएमसी चुनाव के प्रचार के दौरान बीजेपी और शिवसेना के बीच बहुत कीचड़ उछला, लेकिन हमें जनता के जनादेश को आदरपूर्वक स्वीकार करना चाहिए. चुनाव के दौरान जो कुछ भी होता है, वह अस्थाई होता है और हमें पुरानी बातों को भूल जाना चाहिए.'

चुनाव से पहले शिवसेना के जिस आक्रामक रूख के कारण सहयोगी बीजेपी के साथ उसके रिश्तों में एक नई गिरावट देखने को मिली थी, उसी आक्रामक रूख में नरमी के संकेत देते हुए शिवसेना ने कहा कि विकास सुनिश्चित करने के लिए हर किसी को साथ लेकर चलना चाहिए. शिवसेना ने कहा, 'हम कल्याण और डोंबिवली के विकास को लेकर चिंतित हैं और इसलिए जनता हमें बहुमत के कगार पर लेकर आई है. विकास सुनिश्चित करने के लिए हमें सबको एकसाथ लेकर चलना सुनिश्चित करने की जरूरत है.'

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...और कुछ कटाक्ष भी
श‍िवसेना का कहना है कि उसके शेरों की गर्जना के आगे बाकी राजनीतिक दल सूखे पत्तों की तरह उड़ गए. लेख में आगे लिखा गया है, 'कल्याण-डोंबिवली में मुख्यंमत्री और उनके सिपहसलारों ने अपनी पूरी राजनैतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगाई थी. प्रचार के पहले ही दिन मुख्यमंत्री ने 6000 करोड़ के स्मार्ट सिटी पैकेज की घोषणा की. पूरी सत्ता शि‍वसेना के पीछे लगी थी, लेकिन कल्याण-डोंबिवली वासियों ने बीजेपी की परवाह ना करते हुए शि‍वसेना पर विश्वास जताया और यह महत्वपूर्ण है.'

पार्टी ने आगे लिखा है कि कोल्हापुर निगम चुनाव में भी बीजेपी को मिली जीत का श्रेय तारारानी को ही देना होगा. वहां तारारानी अघाड़ी की सहायता से बीजेपी ने अच्छी सीटें प्राप्त कीं. शिवसेना ने बीजेपी के बीड के दर्द को कुरेदते हुए लिखा है, 'बीड जैसे स्थान पर बीजेपी को बुरी तरह से पराभव का सामना करना पड़ा है. वहां राष्ट्रवादी ने छलांग लगाई है, यह दृश्य अच्छा नहीं है.'

'क्यों बदला लोगों का मूड?'
राज्य की सत्ता में बीजेपी का साथ सत्तासीन शि‍वसेना ने लिखा है कि राज्य में सरकार बनने के एक साल बाद ही लोगों का मूड बदलने लगा है. यह क्यों हुआ, इस ओर मुख्यमंत्री को विचार करना होगा.

शि‍वसेना ने आगे लिखा है, 'जनता ने जो निर्णय दिया है उसे हम नम्रता से स्वीकार करते हैं. कल्याण-डोंबिवली के विकास का काम शिवसेना ही करेगी. हमें विश्वास है. विकास के लिए सबको साथ लेकर काम करना पड़ेगा.'

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