एनडीए की पीएम उम्मीदवार को लेकर नरेंद्र मोदी की दावेदारी पर भले शिवसेना अपने पत्ते नहीं खोल रही हो पर गुजरात के मुख्यमंत्री के वीजा को लेकर छिड़े विवाद पर अब शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने तीर छोड़ा है.
पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में उद्धव ने मोदी को लेकर कांग्रेस पर हमला बोल दिया है. उन्होंने मोदी के वीजा को लेकर खड़े हुए ताजा विवाद के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. मोदी के विरोध को देश का अंदरुनी मामले बताते हुए इसमें अमेरिका को घसीटकर मुफ्त में तमाशा कराने जैसा करार दिया है.
उद्धव ठाकरे अपने इस लेख में अमेरिका पर भी जमकर बरसे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका अलगाववादियों को भी वीजा दे देता है. पर मोदी पर उसका रवैया दूसरा है. मोदी के एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं किसी आतंकी संगठन के मुखिया नहीं.
वीजा पर चिट्ठी विवाद पर उन्होंने कहा, 'ढोंगी कांग्रेसियों ने यह सियासी ड्रामा रचा है. कांग्रेसियों ने सांसदों के जाली दस्तखत करके मोदी के खिलाफ खत लिख रहे हैं.'
सामना में छपे लेख के मुख्य अंश
1. हमारे देश में फिरंगियों का जितना विरोध नहीं हुआ उससे अधिक विरोध नरेंद्र मोदी का हो रहा है. मुगलों और उनके घोड़ों को पानी पीते समय पानी में संताजी-धनाजी दिखाई देते थे. उसी तरह कांग्रेसी मुगलों को भी जल-थल, आकाश और पाताल में सिर्फ और सिर्फ मोदी दिखाई देता है. मोदी विरोध का अब एक नया मामला सामने आया है, जिससे स्पष्ट है कि कांग्रेस का स्तर कितना नीचे गिर गया है. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका का वीजा ना मिले, इसलिए कहा जा रहा है कि 65 सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को खत लिखा है. इस खत पर जिन सांसदों के हस्ताक्षर हैं उनमें से कई लोग अब कह रहे हैं कि इस संदर्भ में इस तरह के किसी पत्र पर उन्होंने हस्ताक्षर किए ही नहीं हैं.
2. मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से इनकार कर दिया है. गुजरात दंगे का धब्बा मोदी पर लगाया गया है. वीजा देने से इनकार करने का कारण भी यही है. जबकि मोदी को सारे मामलों में क्लीन चिट मिल चुकी है. सारी दुनिया की पल-पल की खबर रखने वाला अमेरिका इस सच्चाई से बेखबर है इस पर आश्चर्य होता है. मोदी से हिंदुस्तान के कांग्रेसवाले डरते हैं, लेकिन अमेरिका के कांग्रेसवाले भी मोदी से घबराते हैं? मोदी हिंदुस्तान के एक बड़े राजनीतिक दल के नेता हैं और एक राज्य के जननियुक्त मुख्यमंत्री भी हैं. मोदी किसी अलकायदा, तालिबान, तैयबा जैसे संगठन के प्रमुख नहीं. अमेरिका कश्मीर के अलगाववादियों को वीजा देती है. पाकिस्तान जो दुनिया के आतंकवादी गतिविधियों की धर्मशाला बन गया है, अमेरिका को इसी पाकिस्तान में घुसकर लादेन को मारना पड़ा था. ऐसे पाकिस्तानी राजनीतिज्ञों को अमेरिका वीजा देती है. लेकिन मोदी का विरोध करती है. इसे क्या कहें?
3. कश्मीर के मामले में अमेरिका की नीति दोहरी है, लेकिन मोदी के लिए अमेरिका को बीच में खींचना देशहित में नहीं है. कई बदमाश राजनीतिज्ञों और टपोरी नेताओं को अमेरिका ने वीजा दिया है. मोदी के बारे में इस तरह की भूमिका अपनाने की कोई वजह ही नहीं होनी चाहिए. मोदी की भारतीय जनता पार्टी कोई आतंकवादी संगठन नहीं. मोदी का विरोध देश का अंदरुनी मामला है. इस मामले में दूसरे देश को खींचना मुफ्त में तमाशा कराने जैसा है. मोदी नहीं चाहिए तो जनतंत्र की राह पर उन्हें पराजित किया जा सकता है. लेकिन कांग्रेस के ढोंगी पहले से ही पराभूत हो चुके हैं. इसीलिए वह सांसदों के जाली हस्ताक्षर कर मोदी के खिलाफ खत लिख रहे हैं.