वेद प्रकाश वैदिक पर कांग्रेस के करारा वार के बाद शिवसेना ने भी जोर का हमला बोला है. सामना में उद्धव ठाकरे ने लिखा है कि वैदिक ने ये सब सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया है. उनके इस करतूत को किसी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता है. उन्हें तो वापस इस्लामाबाद ही भेज देना चाहिए.
सामना ने अपने संपादकीय में लिखा, ‘वैदिक महाशय जब हिंदुस्तान के कट्टर दुश्मन से मिल रहे हैं तो उनके चेहरे पर ऐसे भाव हैं जैसे वो किसी महान समाजसेवक से मिल रहे हों. प्रचार का इतना लोभ तो घातक ही होता है. प्रचार पाने के लिए अपने शरीर के सारे कपड़े उतारकर न्यूड तस्वीर खिंचवाने वाली पूनम पांडे को तो एक बार माफ किया जा सकता है, लेकिन हाफिज सईद से मिलकर उससे उपकार भाव में बातचीत करनेवाले को माफ नहीं किया जा सकता. सईद कसाब का असली बाप है. हिंदुस्तान में हिंसा फैलाकर देश को खत्म करने का षड्यंत्र रचनेवालों में से है. ऐसे राक्षस से मिलने एक पत्रकार नामक गिरगिट जाता है और उसके साथ हंसते हंसते फोटो निकालता है, यह अपने में भयंकर पाप है.’
सामना ने आगे लिखा, ‘हाफिज से इस प्रकार मिलना राष्ट्रद्रोह जैसा ही अपराध है और सरकार को इस पर कड़े कदम उठाने चाहिए.’
संपादकीय में साफ-साफ लिखा गया कि देश की तमाम जनता की इच्छा है कि वैदिक को उसी एयरलाइंस में बिठाकर वापस इस्लामाबाद भेज देना चाहिए.
इसके बाद वैदिक की कश्मीर वाले बयान को भी सामना में आड़े हाथों लिया गया. वैदिक ने पाकिस्तानी न्यूजपेपर डॉन को दिये इंटरव्यू में कहा कि दोनों देशों की रजामंदी से आजाद कश्मीर के निर्माण में कोई आपत्ति नहीं है. सामना ने लिखा, ‘कश्मीर क्या वैदिक के बाप की है? बात अगर पाकिस्तानी कब्जेवाले कश्मीर की करें तो उसे हिंदुस्तान में शामिल करने का प्रस्ताव वर्षों पहले पारित हो चुका है. ऐसे में देश की संप्रभुता के मामले में जैसा मन में आया कुछ भी बक-बक करने और अकारण किसी भी मामले में नाक ठूंसने का अधिकार वैदिक महाशय को किसने दिया?’
अखबार ने वैदिक की इस मुलाकात की जांच करने की मांग उठाते हुए लिखा- ‘पाकिस्तान इतनी दिलदारी से वैदिक से बर्ताव क्यों करता है? हमारे गुप्तचर संस्था इसकी जांच करे.'