अपने बंद गले के सूट की नीलामी पर विपक्ष की आलोचनाएं झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सहयोगी दल शिवसेना का साथ मिला है. पार्टी का कहना है कि ये सूट नरेंद्र मोदी ने पहना, इसलिए उसका मोल बढ़ गया.
शिवसेना ने कहा, 'मोदी तो हर दिन नए कपड़े पहनते हैं. अगर उनमें से कुछ कपड़ों की नीलामी रोज की जाए तो इस देश में बड़े पैमाने पर मौजूद कालाधन बाहर आ सकता है. चुनाव में कालाधन वापस लाने का आश्वासन दिया गया था तो इस नीलामी से कालाधन बाहर आने पर तो चुनावी आश्वासन भी पूरा हो जाएगा.'
शिवसेना ने कहा, 'उनके सूट पर टिप्पणी करने वालों को ध्यान रखना चाहिए कि यह कीमत उस सूट की नहीं, बल्कि सूट को पहनने वाले के व्यक्तित्व की है.' पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है, 'अगर कांग्रेस वालों को मोदी के कपड़ों पर आपत्ति है तो वे भी युवराज राहुल गांधी के कपड़े, चप्पल, टी-शर्ट जैसी चीजों की नीलामी करके देखें कि उन्हें कितनी रकम मिलती है. लालू अपने पीकदान को नीलाम कर सकते हैं, मुलायम सिंह यादव अपना कोई धोती कुर्ता नीलाम कर सकते हैं और अरविंद केजरीवाल अपने गले के मफलर को नीलाम कर धनराशि को वेलफेयर ट्रस्ट में जमा कर सकते हैं.'
संपादकीय में कहा गया है, 'मोदी ने सूट की नीलामी से मिली रकम गंगा नदी की सफाई और बालिका शिक्षा पर खर्च करने की योजना बनाई है.' शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है, 'देश के प्रधानमंत्री को फटीचर की तरह नहीं रहना चाहिए. पीएम को चुस्त-दुरुस्त, बहुत शानदार न सही, लेकिन रूआब कायम रखने लायक कपड़े पहनने चाहिए.'
संपादकीय के अनुसार, 'मोदी ने गंगा शुद्धीकरण का सपना संजोया है और उसके लिए उन्होंने जापान सरकार के साथ भी एक समझौता किया है. अगर इस तरह की नीलामी से अमीरों का धन बाहर निकलता है और अगर उससे गरीब जनता का कल्याण होता है तब प्रधानमंत्री को प्रतिदिन चार- पांच सूट पहनने चाहिए और उसे नीलाम किया जाना चाहिए.'
गौरतलब है कि मोदी के बंद गले के जिस सूट को लेकर पिछले दिनों विवाद खड़ा हो गया था, उसे शुक्रवार को नीलामी में सूरत के एक डायमंड कारोबारी ने चार करोड़ 31 लाख 31 हजार रुपये में खरीद लिया. मोदी ने 25 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात के समय गहरे नीले रंग के इस सूट को पहना था. मोदी को तोहफे में मिले इस सूट की कीमत की खबरों को लेकर और उस सूट पर उनके नाम की धारी के कारण काफी आलोचना हुई थी. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से इस पर कई टिप्पणियां की गई थीं.
-इनपुट भाषा से