शिवाजी पार्क में बाल ठाकरे के स्मारक के निर्माण की अनुमति देने से इनकार करने पर शिवसैनिकों ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के दक्षिण मुंबई के वर्ली वार्ड कार्यालय में कथित तौर पर तोड़-फोड़ की.
शिवाजी पार्क में जहां पर बाल ठाकरे का अंतिम संस्कार किया गया था, उस स्थान को फिलहाल शिवसेना अस्थायी स्मारक के रूप में सहेजे हुए है और उसने इस जगह को खाली करने से भी इनकार कर दिया है.
बीएमसी ने शिवाजी पार्क में किसी भी तरह के निर्माण को अवैध करार देते हुए इसका विरोध किया है. लेकिन शिवसेना बाला साहब ठाकरे के नाम को भुनाने में जी जान से लगी हुई है. पहले शिवाजी पार्क में उनका पुतला बनाने की मांग तो अब शिवाजी पार्क का नाम बदल देने की जिद. लेकिन इन मुद्दों पर शिवसेना बाकी पार्टियों से अलग थलग, अकेले खड़ी नजर आ रही है.
बोम्बे से मुंबई, फिर विक्टोरिया टर्मिनस से छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, और अब शिवाजी पार्क से शिवतीर्थ. शिवसेना अब मांग कर रही है की शिवाजी पार्क का नया नाम शिवतीर्थ रखा जाए. दरअसल, शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे शिवाजी पार्क को इसी नाम से संबोधित करते थे.
लेकिन न अब वो टाईगर की दहाड़ है न शिवसेना के पास वो ताकत कि ये प्रस्ताव बिना किसी दिक्कत के पारित हो जाए. कंग्रेस इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए ये कर रही है की शिवसेना का ये प्रस्ताव, मुंबई के इतिहास के साथ छेड़छाड़ होगी.
इस प्रस्ताव का विरोध तो तकरीबन हर पार्टी कर रही है, लेकिन एमएनएस के विरोध ने ठाकरे परिवार के साथ-साथ, दूसरे लोगों को भी अचरज में डाल दिया है. वहीं इस प्रस्ताव के घोर विरोध को देखते हुए, शिवसेना के सबसे पुराने राजनैतिक दोस्त, बीजेपी भी कुछ भी बोलने से कतरा रही है.