जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने शपथ लेते ही जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पाकिस्तान, आतंकवादियों और चरमपंथियों को दिया है. तभी से सईद के इस बयान की हर तरफ से आलोचना हो रही है, हालांकि सईद अपने बयान पर अड़े हुए हैं. उधर शनिवार को शिवसेना ने मुफ्ती पर करारा हमला बोलते हुए उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है.
शिवसेना ने अपने बयान में कहा है कि ये बात कह कर मुफ्ती सईद ने ऐसा बयान देकर साबित कर दिया है कि वे 'गीदड़ की औलाद' हैं. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के सम्पादकीय में इस तरह की टिप्पणी की गई है.
इससे पहले बीजेपी ने मुफ्ती के इस बयान से पल्ला झाड़ लिया है. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी मिलकर सरकार चला रहे हैं. वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया ने मुफ्ती से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की बात कही थी. कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था कि इसका जवाब बीजेपी ही दे कि राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव में आतंकवादियों व पाकिस्तान की भूमिका थी या भारतीय चुनाव आयोग व सशस्त्र बलों की.
गौरतलब है कि शपथ लेने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने रविवार 1 मार्च को यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि हुर्रियत, आतंकवादी संगठनों और सीमा पार के लोगों ने विधानसभा चुनावों के लिए बेहतर माहौल बनाया. इसके तुरंत बाद सत्ता में उसकी साझेदार बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बात की खिलाफत करते हुए कहा कि चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों के प्रयास के कारण ऐसा संभव हो सका.
शपथ लेने के तुरंत बाद सईद ने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए बेहतर माहौल की खातिर सीमा पार के लोगों, हुर्रियत और आतंकवादी संगठनों को श्रेय दिया जाना चाहिए. सईद ने जम्मू में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘मैं ऑन रिकॉर्ड कहना चाहता हूं और मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए हमें हुर्रियत, आतंकवादी संगठनों को श्रेय देना चाहिए.’ शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए.
बीजेपी की तरफ से उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और नए कैबिनेट मंत्री हसीब द्राबू के साथ सईद ने कहा, ‘सीमा पार के लोगों ने चुनावों के दौरान बेहतर माहौल बनने दिया. मैं स्वीकार करता हूं कि अगर उन्होंने कुछ किया होता तो शांतिपूर्ण चुनाव संभव नहीं होता. आप जानते हैं कि चुनावों में बाधा डालने के लिए कितने छोटे कृत्य की जरूरत थी. उन्होंने इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ने दिया. इससे हमें उम्मीद बंधती है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर उन्होंने कुछ किया है तो भगवान माफ करे. ठीक तरीके से चुनाव कराना संभव नहीं हो पाता.’
इस तरह की टिप्पणियों के नतीजे को भांपते हुए बीजेपी ने उसी शाम को दावे का प्रतिवाद किया और कहा कि चुनाव आयोग, भारतीय सेना और भारतीय संविधान में विश्वास करने वालों के कारण प्रयास सफल रहे थे. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘चुनाव आयोग और राज्य पुलिस सहित सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव हुए. इसके अलावा भारतीय संविधान में विश्वास करने वालों का भी योगदान रहा.’ पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सईद की टिप्पणी की आलोचना की और बीजेपी से उसका रुख स्पष्ट करने को कहा.