शिवसेना ने एक बार फिर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है. अपने मुख पत्र सामना में शनिवार को योग गुरु बाबा राम देव को आधार बनाते हुए शिवसेना ने केंद्र में बीजेपी की सरकार को आड़े हाथों लिया. इसके साथ ही 56 दिनों बाद राहुल गांधी की वापसी और उनके तेवर की तारीफ की है. सामना के संपादकीय में मोदी की जीत में बाबा रामदेव के सहयोग को याद किया गया है और अब उनके सरकार से खफा होने की बात रखी गई है.
सामना के संपादकीय में लोकसभा चुनावों में बीजेपी खासकर नरेंद्र मोदी को मिली अपार चुनावी सफलता में बाबा रामदेव के योगदान को सराहा गया है. उनके बारे में कहा गया कि तब वो मोदी के ब्रांड एंबैसेडर बनकर पूरे देश में घूमे थे. राहुल गांधी को पप्पू जैसा नामकरण भी रामदेव ने ही दिया था. लेकिन अब सरकार के कामों से रामदेव खफा हैं और उनकी भाषा थोड़ी बदली सी नजर आ रही है.
सामना में लिखा गया, 'मोदी सरकार के एक वर्ष पूरे होने के बाद रामदेव ने कहा कि मोदी अच्छे इंसान हैं लेकिन उनके मंत्री घमंडी और बेलगाम हो गए हैं. वहीं राहुल गांधी के बारे में रामदेव ने कहा कांग्रेस जैसे मुर्दे में राहुल जान फूंकने में सही साबित हुए हैं. भूमि अधिग्रहण बिल पर भी रामदेव ने शिवसेना के पक्ष में अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन का अधिग्रहण उनकी इच्छा के विपरीत नहीं किया जाना चाहिए.'
पिछले दिनों बाबा रामदेव ने कहा था कि किसानों की दुर्दशा केंद्र सरकार के हित में नहीं है. साथ ही रामदेव ने सत्ता में आने के बाद ही तमाम नेताओं और मंत्रियों द्वारा अपने मोबाइल नंबर बदलने पर भी कटाक्ष किया था. इन दोनों बातों का भी सामना में जिक्र किया गया है.
इसके अलावा सामना के संपादकीय में कांग्रेस के खिलाफ प्रवचन देने वाले आसाराम के जेल में बंद होने पर भी मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया है.