शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में बीजेपी मध्य प्रदेश में दो बार कामयाबी का परचम लहरा चुकी है. राज्य की सबसे ऊंची कुर्सी पर काबिज़ होने के बावजूद मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की छवि ज़मीन से जुड़े बेहद साधारण राजनेता की है. चौहान ने उस वक्त मुख्यमंत्री की कमान संभाली थी जब उमा भारती के इस्तीफ़े के बाद बीजेपी मध्य प्रदेश में लीडरशिप के अभाव से गुजर रही थी. संगठन में मज़बूत क़द रखने वाले शिवराज सिंह चौहान थोड़े से प्रशासनिक तजुर्बे के साथ नवंबर 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने और मध्य प्रदेश में बीजेपी का ऐसा चेहरा बन गए जिस पर कोई विवाद नहीं है.