राजनीतिक मुद्दों पर अकसर कड़ी प्रतिक्रिया देने वाली शिवसेना ने नाबालिग रेपिस्ट की रिहाई पर निर्भया की मां से माफी मांगी है. पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' में कोर्ट की अवमानना न करते हुए लिखा है, 'निर्भया की माता, हमें माफ करें. अकसर कठोर रहने वाली हमारी न्याय व्यवस्था संत- सज्जनों की भूमिका में दिख रही है.'
कानून पर उठाए सवाल
पार्टी ने इस मामले में सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं. सामना में लिखा है, 'इतने साल बाद भी हम उस दुष्ट को कठोर दंड देने
के लिए कानून क्यों नहीं बना सके, इसपर कोई विचार करेगा या नहीं. 18 साल से कम उम्र के अपराधियों को बलात्कार और हत्या
करने का कानूनी लाइसेंस क्या इसी देश में दिया जा रहा है.' देश में 18 या उससे कम उम्र के अपराधियों को किसी तरह की सख्त
सजा न देते हुए बाल सुधार गृह में रखने का प्रावधान है. निर्भया केस में उस वक्त नाबालिग रहे दोषी पर भी यही कानून लागू किए जाने को लेकर सवाल उठते रहे हैं.
नाबालिग दोषी की तुलना आतंकवादी से
शिवसेना ने सामना में लेख लिखकर दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से नाबालिग रेपिस्ट की रिहाई का फैसला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड पर ही छोड़ देने पर अपना पक्ष रखा है. लेख में आतंकवाद का हवाला दिया गया है. मुखपत्र में लिखा है कि 'कल पाकिस्तान से
18 साल से कम उम्र का आंतकवादी आएगा, तो क्या तब उसे तीन साल बाद जेल से रिहा कर दिया जाएगा?'
आसाराम बापू के मामले को जोड़ा
सामना में कहा गया है कि 'आसाराम बापू के खिलाफ यौन शोषण का कोई भी सबूत नहीं था. बावजूद इसके वह पिछले तीन साल से
जेल में बंद हैं. उन्हें साधारण जमानत नहीं मिल रही है.'
पीएम और आम जनता पर हमला
मुखपत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लिया गया है. सवाल किया गया कि क्या पीएम को ये अन्याय नजर नहीं आता.
'सामना' में लिखा है, 'निर्भया की निराश मां दिल्ली की सड़कों पर चीखती रही... यह चीख प्रधानमंत्री के कानों तक पहुंची या नहीं?
इस मामले में एक अपराधी छूट रहा है. तब निर्भया की मां ही लगातार रोती रही, बाकी सारा देश एक ठंडे गोले की तरह किनारे पड़ा
हुआ है. निर्भया की माता हमें माफ करें.'
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह कानून से आगे जाकर फैसला नहीं कर सकता. कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार पर भी सवाल उठाए कि नाबालिग दोषी की रिहाई रोकने के लिए क्या अब तक कोई कदम उठाए गए.
निर्भया की मां ने कहा
बेटी को न्याय दिलाने के लिए कानून से जूझ रही निर्भया की मां ने हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद कहा था कि 'आज छोटी बच्चियों
से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक के साथ रेप की वारदात सामने आ रही हैं. जब रेप करने के लिए उनकी उम्र नहीं देखी
जाती तो दोषियों की उम्र का ख्याल क्यों रखा जाता है?'
आज आएगा जुवेनाइल जस्टिस बिल
राज्यसभा में जुवेनाइल जस्टिस बिल पास कराने के लिए निर्भया के माता-पिता ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से मुलाकात की. लोकसभा में यu बिल पास हो चुका है और उन्होंने उम्मीद जताई कि मंगलवार को यह राज्यसभा से भी पास हो जाएगा.