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शिवसेना ने मोदी से मुलाकात मामले पर मारिया का किया बचाव, कहा- मत बनाओ राई का पहाड़

ललित मोदी से मुलाकात मामले में बीजेपी सांसद और पूर्व गृह सचिव आरके‍ सिंह भले ही मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को 'गुनहगार' बताया हो, लेकिन एनडीए की सहयोगी और महाराष्ट्र सरकार में शामिल शिवसेना ने उन्हें क्लीन चिट दी है. पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा है कि मुलाकात पर हंगामा राई का पहाड़ बनाने जैसा है.

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शि‍वसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की फाइल फोटो
शि‍वसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की फाइल फोटो

ललित मोदी से मुलाकात मामले में बीजेपी सांसद और पूर्व गृह सचिव आरके‍ सिंह भले ही मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को 'गुनहगार' बताया हो, लेकिन एनडीए की सहयोगी और महाराष्ट्र सरकार में शामिल शिवसेना ने उन्हें क्लीन चिट दी है. पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा है कि मुलाकात पर हंगामा राई का पहाड़ बनाने जैसा है.

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'सामना' के संपादकीय में खुले तौर पर राकेश मारिया के समर्थन में उतरी शिवसेना ने लिखा है कि मारिया का बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. ऐसे में ललित मोदी के साथ दो-तीन तस्वीरों के कारण उन पर ऊंगली नहीं उठनी चाहिए. संपादकीय में लिखा है, 'ललित मोदी किसी जमाने में आईपीएल क्रिकेट का बादशाह हुआ करता था. देश के चोटी के राजनेता के साथ उसके विस्मि‍त मुद्रावाली तस्वीरें प्रकाशि‍त हुई हैं. अब क्या उन सारे नेताओं के खि‍लाफ कार्रवाई होगी?'

शि‍वसेना ने संपादकीय में मारिया का विरोध करने वालों पर सीधा हमला बोलते हुए लिखा है कि मोदी ने आईपीएल में चाहे जो करामातें की हों, उस पर विवाद खड़ा होना स्वभाविक है, लेकिन लंदन में मोदी को बेड़‍ियां ठोंकर मुंबई या दिल्ली तक घसीटते लाने का अधिकार मुंबई के पुलिस आयुक्त के पास नहीं है.

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'चव्हाण की तो तब भी नहीं सुनी जाती थी'
शि‍वसेना ने मामले में कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण के उस बयान पर भी निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मारिया और ललित मोदी की मुलाकात के बारे में वह अंधेरे में थे. पार्टी ने लिखा है, 'पृथ्वीराज चव्हाण के किसी वक्तव्य का तब भी कोई विशेष मायने नहीं हुआ करता था जब वे मुख्यमंत्री पद पर थे और अब भी उनके वक्तव्य का कोई विशेष प्रभाव नहीं है.'

'सामना' में आगे लिखा गया है, 'मारिया ने ललित मोदी से मुलाकात के मामले में तत्कालीन गृह मंत्री को सूचना दी थी. इस सूचना की जानकारी बतौर मुख्यमंत्री कार्यरत रहे पृथ्वीराज बाबा को नहीं थी! सच बात तो यह है कि उस कालावधि‍ में तमाम घटनाएं घटित होती रही थीं, जिनकी जानकारी मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत पृथ्वीराज बाबा को नहीं हुआ करती थी.'

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