अमेरिका में पकड़े गये आंतकी डेविड हेडली ने शिकागो की कोर्ट के सामने स्वीकारा था कि इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की एजेंट थी. 'मई 2004 में जावेद नाम का पाकिस्तानी एजेंट इशरत जहां के साथ अहमदाबाद के एक होटल में रुका था. अहमदाबाद में एक महत्वपूर्ण स्थान की रेकी कर आतंकी हमले की बड़ी योजना इस टीम ने तैयार की थी. परंतु समय पर गुजरात पुलिस ने इस षडयंत्र का पर्दाफाश कर दिया. यह खुलासा खुद डेविड कोलमैन हेडली ने किया है. हेडली कोई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का लाठीबाज कार्यकर्ता तो नहीं कि उस पर आरोप लगा दिया जाए कि उसने मोदी के इशारे पर इशरत जहां को आतंकी करार दिया.'
कुछ इस अंदाज में शिवसेना ने इशरत जहां केस को लेकर सीबीआई को लताड़ा है, साथ ही नरेंद्र मोदी और गुजरात पुलिस का बचाव किया है.
शिवसेना के मुखपत्र सामना में 'इशरत मेव जयते' शीर्षक से छपे संपादकीय में उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने के अलावा सीबीआई के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया है.
शिवसेना ने कहा है, 'इस मामले में पूरे नौ वर्ष के बाद सीबीआई ने जिस तरह का आरोप पत्र दायर किया है, उससे उसने कांग्रेस सरकार की चाकरी करने का ही काम किया है. इसके पहले कई बार कोर्ट सीबीआई को सरकार का नौकर और पोपट करार दे चुका है. कोर्ट ने सीबीआई को जो लताड़ लगाई, लगता है सीबीआई ने उसे साबित करने का बीड़ा उठा लिया है. इसीलिए उसने इशरत को शहीद करार दिया.'
कांग्रेस पर हमला करते हुए इस संपादकीय में लिखा गया है, 'खतरनाक आतंकवादी को शहादत बहाल करने का पराक्रम इस देश में सिर्फ कांग्रेसवाले ही कर सकते हैं. एक तरह से इशरत केस में कांग्रेस की तोताराम सीबीआई ने यह पराक्रम कर दिखाया है.'
शिवसेना ने कहा, 'इस देश में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आतंकी करार दे दिया जाता है, पर इशरत चूंकि बुर्काधारी मुसलमान है इसलिए उसे निर्दोष साबित करने का हरसंभव प्रयास होता है. कांग्रेस की इसी छद्म धर्मनिरपेक्षता ने धर्मांध मुसलमानों की हिम्मत बढ़ाई है. देशद्रोहियों को बल दिया है. हिंदू और मुसलमानों को अलग-अलग कर कांग्रेस राजनीतिक रोटी सेंक रही है. इसके लिए वह देश की सुरक्षा और प्रतिष्ठा को भी चूल्हे-भाड़ में धकेल रही है, यह भयंकर है.'