मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भूख हड़ताल पर जाने के मुद्दे को लेकर निशाना साधते हुए सोमवार को शिवसेना ने कहा कि शिवराज सिंह ने किसानों का आंदोलन खत्म करने के लिए गांधीवादी तरीके का सहारा लिया, जबकि उनकी अपनी पार्टी के अध्यक्ष ने महात्मा गांधी को चतुर बनिया कहा था.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र में छपे संपादकीय में कहा कि मुख्यमंत्री का काम शासन करना होता है, अनशन पर बैठ जाना भारतीयों के खिलाफ हो रहे अन्याय से लड़ने के लिए महात्मा गांधी का हथियार था. आज इस देश में न तो ब्रिटनी और न ही कांग्रेस राज कर रही है. ऋण माफी और अपनी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य की मांग करने वाले किसानों से शांति की अपील करते हुए चौहान शनिवार को अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए थे. उन्होंने कुछ योजनाओं की घोषणा करते हुए अगले दिन अनशन तोड़ दिया था लेकिन फसाद से जुड़ी गतिविधियों में लिप्त लोगों को कड़ी चेतावनी जारी की थी.
आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान के अनशन से एक ही दिन पहले यानी शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रायपुर में कहा था कि महात्मा गांधी एक चतुर बनिया थे, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस को भंग करने की सही सलाह दी थी. शिवसेना ने अपने संपादकीय में कहा कि भाजपा के अध्यक्ष तो महात्मा गांधी पर टिप्पणी कर रहे थे, वहीं उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने राज्य की समस्याओं को सुलझााने के लिए गांधीवादी तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं.