राज करने की नीति यानी राजनीति में दोस्त कब दुश्मन बन जाए कहना मुश्किल है. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार है. लेकिन बीते कुछ हफ्तों से शिवसेना बीजेपी पर वार करने से चूक नहीं रही है. सोमवार को एक बार फिर मुखपत्र 'सामना' के जरिए शिवसेना ने बीजेपी पर जुबानी प्रहार किया है. वाम नेता पानसरे की हत्या को मुद्दा बनाते हुए शिवसेना ने लिखा है कि सिर्फ सरकार बदली है बाकी कुछ नहीं बदला.
'पटकथा पुरानी, नायक नया' के शीर्षक से लिखे गए संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है, 'बीते सप्हाह कॉमरेड गोविंद पानसरे की नृशंस हत्या कर दी गई. वामपंथी विचारकों की जिस तरह हत्याएं हुई हैं और असली हत्यारों तक पहुंचने में पुलिस जिस तरह नाकामयाब रही है उससे 'हिंदुत्वद्रोही' हिंदुत्व को संदेह के कटघरे में खड़ा करने का मौका पा रहे हैं.'
बीजेपी पर जुबानी प्रहार करते हुए संपादकीय में लिखा गया है कि सेकुलरवाद की छप्र भूमिका की छाती पर चढ़कर भगवा सत्ता के सिंघासन पर लहरा रहा है. सत्ता बदली पर क्या सामान्य नागरिक के जनजीवन में कोई परिवर्तन आया है? शिवसेना ने लिखा है, 'बीती सरकार के कार्यकाल में 'हिंदुत्व' का पुरजोर विरोध करने वाले नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी. प्रगतिशील महाराष्ट्र में वैचारिक संघर्ष की बजाय हिंसक वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है.'
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री फडनवीस पर पानसरे की हत्या और उसपर बयानों को भी संपादकीय में निशाना बनाया गया है. शिवसेना ने लिखा है कि हत्या पर सीएम पहले की तरह बयान दे रहे हैं. मुख्यमंत्री का बयान हास्यास्पद होने के साथ-साथ पुलिस पर ही ठीकरा फोड़ने वाला है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के पास ही है.