मुंबई को महाराष्ट्र से अलग राज्य का दर्जा दिए जाने की अपनी टिप्पणी पर प्रख्यात लेखिका शोभा डे ने किसी प्रकार की माफी मांगने से इनकार कर दिया. उनकी इस टिप्पणी को लेकर शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने लेखिका पर तीखा हमला बोला है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने शोभा डे के ट्वीट को ‘अगंभीर’ करार दिया और जोर देकर कहा कि राज्य एकजुट रहेगा. शोभा डे ने कहा था कि मुंबई को राज्य बनाए जाने की ‘अनंत संभावनाएं’ हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. न तो मुंबई और न ही विदर्भ को महाराष्ट्र से अलग किया जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘एकता हमारी ताकत है.’
उधर शोभा डे ने कहा कि वह डरा हुआ महसूस नहीं कर रही हैं और वह अपने ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगेंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि वह उनकी टिप्पणियों को लेकर पैदा हुए राजनीतिक तूफान से ‘एकदम हैरान’ हैं.
उन्होंने कोलकाता में कहा, ‘मैंने कुछ भी अपमानजनक नहीं कहा. माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है’. डे ने कहा कि उन्हें अपने ट्वीट को लेकर कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं एक स्वतंत्र ईकाई के रूप में मुंबई को लेकर टिप्पणी करती रहूंगी. भारत एक लोकतांत्रिक देश है , हर किसी को गलत बातों के खिलाफ अपनी आवाज उठाने का अधिकार है.’
शोभा डे ने आंध्र प्रदेश राज्य में से अलग तेलंगाना राज्य बनाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद ट्वीट किया था , ‘महाराष्ट्र और मुंबई? क्यों नहीं ? मुंबई ने हमेशा से खुद को एक स्वतंत्र ईकाई के रूप में पेश किया है. इस खेल में अनंत संभावनाएं हैं.’
शोभा डे ने कहा, ‘मेरी ट्वीट का जोरदार बचाव करने की जरूरत है और मैं चुप्पी तोड़कर खुश हूं, डरी-सहमी कतई महसूस नहीं कर रही.’ डे ने कहा, ‘खुद को मिले जन समर्थन से भी मैं खुश हूं और मुंबई पुलिस इस मामले में काफी सक्रिय रही है.’
हालांकि डे ने बुधवार को कहा था, ‘मैं राजनीतिक दलों से कहना चाहती हूं कि उन्हें मुंबई के गड्ढों पर ध्यान देना चाहिए. मुंबई गड्ढों का शहर है. यह सिर्फ मुंबई के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि उनके लिए भी जो शहर की यात्रा करते हैं.’
उधर, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने दक्षिणी मुंबई में शोभा डे के घर के बाहर प्रदर्शन किया.