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वीरप्‍पा मोइली का नया नुस्‍खा, तेल बचाने के लिए बदल जाएगा आपके दफ्तर का वक्‍त

यूपीए सरकार तेल की खपत कम करने और भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने के लिए एक और नुस्‍खे के साथ आई है, जिसके तहत आपके दफ्तर जाने का वक्‍त बदल जाएगा.

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वीरप्‍पा मोइली
वीरप्‍पा मोइली

यूपीए सरकार तेल की खपत कम करने और भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने के लिए एक और नुस्‍खे के साथ आई है, जिसके तहत आपके दफ्तर जाने का वक्‍त बदल जाएगा. सरकार के इस नए अभियान के मुताबिक कर्मचारियों को हफ्ते में कम से कम एक बार दफ्तर जाने के लिये केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना होगा. इसके अलावा सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने के लिए सरकारी दफ्तरों का समय अलग-अलग रखा जाएगा.

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वैसे आमतौर पर दफ्तरों का समय सुबह 9:00 से शाम 5:30 बजे तक होता है. और अगर मोइली का सुझाव मान लिया गया तो इसमें बदलाव कर इसे सुबह 7:00 से दोपहर 3:00 बजे तक या फिर सुबह 8:00 से शाम 4:00 बजे तक किया जा सकता है.

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली ने ईंधन बचत कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि इससे 5 अरब डॉलर की बचत होने का अनुमान है.

देश में बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थों के आयात का असर चालू खाते के घाटे पर पड़ रहा है. मोइली ने इसे ध्यान में रखते हुए 6 हफ्ते तक चलने वाले देशव्यापी मेगा तेल बचत अभियान की मंगलवार को शुरुआत करते हुए कहा कि 52 करोड़ रुपये के इस अभियान से तेल की मांग कम होगी और सालाना आयात बिल में 5 अरब डॉलर की कटौती होगी.

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देश में पिछले साल 144.29 अरब डॉलर का तेल आयात किया गया. चालू खाते के घाटे पर असर डालने वाला यह एकमात्र बड़ा आयात है.

मोइली ने कहा, 'मैंने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री को पत्र लिखकर उन्हें सरकारी दफतरों के लिए अलग-अलग समय रखने को कहा है. इससे पीक आवर यानी कि व्यस्त घंटों के दौरान सड़कों पर भीड़भाड़ कम होगी और ईंधन की बचत होगी.

मोइली ने कहा कि उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों, केन्द्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुखों को हफ्ते में एक दिन कर्मचारियों के लिये 'बस दिवस' घोषित करने का आग्रह किया है. इस दिन सभी कर्मचारी केवल सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करेंगे.

मोइली ने हालांकि, अपने मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों में इस दिशा में पहल करते हुये सबसे पहले 'बस दिवस' घोषित किये जाने के बारे में कुछ नहीं कहा. पेट्रोलियम मंत्रालय में हर साल ईंधन बचत पखवाड़ा मनाया जाता है, इससे कितने ईंधन की बचत हुई इसके बारे में भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि हर साल पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान एसोसिएशन एक पखवाड़े के लिये ईंधन बचत के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए 20 करोड़ रुपये की लागत से अभियान चलाती है. इस साल इसके दोगुनी लागत से बड़ा जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा.

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उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय से भी कहा है कि वह कुछ चुनींदा शहरों में ईंधन बचत कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुये 'निशुल्क साइकिल योजना' की शुरुआत करें. इसके लिए उनहोंने तेल कंपनियों से वित्तपोषण समर्थन की भी पेशकश की है.

मोइली ने कहा कि देश में कुल तेल जरूरत का 75 फीसदी से भी ज्‍यादा आयात किया जाता है. चालू वित्त वर्ष के दौरान पेट्रोलियम पदार्थों की खपत 16 करोड टन तक पहुंचने का अनुमान है. पिछले साल यह 15.54 करोड़ टन रही थी.

उन्होंने बताया कि थोक उपभोक्ताओं को डीजल की बिक्री बाजार मूल्‍य पर करने और सस्ते सिलेंडर की आपूर्ति प्रति परिवार एक साल में 9 पर सीमित कर दिए जाने से इनकी मांग घटी है. डीजल की बिक्री 1.6 फीसदी और गैस सिलेंडर की खपत एक फीसदी कम हुई है.

मेगा तेल बचत अभियान के प्रचार प्रसार के लिये युवा खिलाड़ी विराट कोहली और सायना नेहवाल को शामिल किया गया है. स्मार्ट फोन और मीडिया के आधुनिक साधनों के जरिए भी ईंधन बचत के नुस्खे लोगों तक पहुंचाए जाएंगे.

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