जम्मू-कश्मीर के शोपियां में शनिवार को पुलिस ने एक संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया. युवक के पास से पुलिस ने विस्फोटक भी बरामद किया गया जो आईडी में इस्तेमाल किया जाता है. पुलिस संदिग्ध युवक से पूछताछ कर रही है. पुलिस मामले में हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है. पुलिस संदिग्ध युवक से पूछताछ कर यह जानकारी जुटाने की कोशिश कर ही है कि वह किस संगठन से जुड़ा है और जो विस्फोटक उसके पास से मिला है, उसका कहां इस्तेमाल होने वाला था.
अमरनाथ यात्रा स्थगित
वहीं अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए बंद के कारण शनिवार को अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई और तीर्थयात्रियों को जम्मू से कश्मीर घाटी की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस सूत्र ने बताया कि अलगाववादियों द्वारा बंद का ऐलान करने के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए जम्मू से श्रीनगर जाने वाले तीर्थयात्रियों की आवाजाही शनिवार को स्थगित रहेगी.
श्रीनगर: कुछ हिस्सों में प्रतिबंध
अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए अधिकारियों ने शनिवार को श्रीनगर शहर के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाए. जम्मू-कश्मीर में 13 जुलाई शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन 1931 में डोगरा महाराजा की सेना द्वारा श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर गोलीबारी में कई लोग मारे गए थे. उन लोगों को याद किया जा सके इसलिए इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है.1947 में स्वतंत्रता के लिए लड़ने वालों को सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार ने दिन मनाया. इस मौके पर यहां राज्य में सार्वजनिक अवकाश है. पुलिस सूत्रों ने कहा कि ओल्ड सिटी इलाकों के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाए गए हैं. सूत्रों ने कहा कि ये प्रतिबंध सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए हैं और कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह जरूरी हैं.
सबसे पहले ख्वाजा बाजार में शहीद कब्रिस्तान में पहुंचने वाले, पुराने शहर श्रीनगर के नक्काशबंद साहिब क्षेत्र में खुर्शीद अहमद गनाई रहे, जो राज्य के राज्यपाल के सलाहकार हैं. गनाई ने कब्रिस्तान में 'फतेह' की नमाज अदा की और पुष्प अर्पित किए. श्रद्धांजलि देने वाले अन्य लोगों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जी.ए. मीर, माकपा के राज्य सचिव एमवाईटी अरिगामी, अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष इंजीनियर रशीद, डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रवादी के अध्यक्ष गुलाम हसन मीर और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख हकीम मुहम्मद यासीन शामिल रहें.
श्रीनगर और कश्मीर घाटी के कई अन्य शहरों में दुकानें, सार्वजनिक परिवहन और अन्य व्यवसाय बंद रहे. घाटी में श्रीनगर और अन्य स्थानों पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है. साल 1931 में डोगरा महाराजा की सेना द्वारा श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर गोलीबारी में मारे गए लोगों की याद में जम्मू-कश्मीर में 13 जुलाई को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.