पांचवीं बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं जे. जयललिता के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सभी तब चौंक गए, जब राष्ट्रगान पूरा न बजाकर इसका छोटा रूप ही बजाया गया. इसे राष्ट्रगान का अपमान बताया जा रहा है.
शपथ ग्रहण समारोह से पहले राष्ट्रगान और उसके बाद मंगलाचरण बजाए जाने का ऐलान किया गया. जब राष्ट्रगान की धुन की सिर्फ दो पंक्तियां ही बजाई गईं और उसके बाद मंगलाचरण शुरू हो गया, तो सभी चौंक पड़े. धुन की पहली और आखिरी पंक्ति ही बजाई गई.
अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की महासचिव जयललिता और मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा शपथ ग्रहण कर लेने के बाद पूरा राष्ट्रगान बजाया गया.
शपथ ग्रहण समारोह में एक और अलग नजारा तब देखने को मिला, जब जयललिता के शपथ ग्रहण कर लेने के बाद मंत्रिमंडल के 28 मंत्रियों को 14-14 के दो समूहों में दो बार में ही पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई.
दरअसल, इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि जयललिता शुभ मुहूर्त पर शपथ लेना चाहती थीं और राष्ट्रगान की वजह से मुहूर्त में देरी हो रही थी.