आईआईटी में दाखिले को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल आज अपनी बात साफ़ करेंगे. सिब्बल ने कहा है कि आईआईटी में दाखिले के लिए कट ऑफ़ मार्क का फ़ैसला एक कमिटी करेगी. मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि कल उन्होंने इस बारे में सिर्फ़ अपनी राय ज़ाहिर की थी.
12वीं से शुरू हो सकती है छंटनी
आईआईटी में दाखिला पाने के लिए अब 12वीं के इम्तहान से ही शुरू हो सकती है छंटनी. देश के मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल कुछ ऐसी ही नीति लाने के हक में है.
12वीं में 80 फीसदी अंक लाना जरूरी
सिब्बल का मानना है कि 12वीं में 80 फीसदी से कम नंबर पाने वालों को आईआईटी में दाखिले का हक नहीं मिलना चाहिए. सिब्बल का कहना है कि हमारा यूनिफॉर्म इक्जैमिनेशन सिस्टम होगा, जिसमें 12वीं के रिजल्ट को भी वेटेज दिया जाएगा. यानी सिब्बल की मानें तो अगर किसी छात्र की बोर्ड परीक्षा ख़राब हुई तो आईआईटी में दाखिला तो दूर परीक्षा में बैठना भी नसीब नहीं होगा.
75 फीसदी नंबर की भी अहमियत नहीं
मानव संसाधन मंत्री की नजर में बोर्ड एग्ज़ाम में डिस्टिंकशन यानी 75 फीसदी नंबर की भी अहमियत नहीं. छात्रों का तनाव कम करने के लिए उन्होंने ने ही बोर्ड परीक्षाओं में ग्रेडिंग सिस्टम की शुरुआत की है. अब वही आईआईटी की परीक्षा के लिए कम से कम 80 फीसदी नंबर की वकालत कर रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या छात्रों का तनाव कम होगा. कपिल सिब्बल की दलील जरा समझ से परे है. उनका मानना है कि ऐसा करने से कोचिंग के बढ़ते कारोबार पर रोक लगाई जा सकेगी. फिलहाल ये विकल्प सुझाव हैं. बदलाव कैसे होंगे, इसका रोडमैप अनिल काकोदकर की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी तैयार करेगी. विवेक शुक्ला नई दिल्ली