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कर्नाटक संकट पर बोले सिद्धारमैया- बागी विधायकों की तैयार होगी राजनीतिक समाधि

सिद्धारमैया ने बागी विधायकों पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, '25 करोड़, 30 करोड़, 50 करोड़...यह रकम कहां से आ रही है?

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कांग्रेस नेताओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (IANS)
कांग्रेस नेताओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (IANS)

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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक संकट पर बागी विधायकों पर नाराजगी जाहिर की है. सिद्धारमैया ने बागी विधायकों पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है. सिद्धारमैया ने कहा, '25 करोड़, 30 करोड़, 50 करोड़...यह रकम कहां से आ रही है? बागी विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाएगी. उनकी राजनीतिक समाधि तैयार की जाएगी. 2013 से ही जिसने भी दलबदल किया, उसे अपने पद से हाथ धोना पड़ा. ऐसा ही भाग्य उनका भी इंतजार कर रहा है जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है. ऐसा ही होता है.'

गौरतलब है कि कर्नाटक में चल रहा राजनीतिक संकट जस का तस बना हुआ है. पिछले 15 दिनों से एचडी कुमारस्वामी सरकार पर बहुमत साबित करने का दबाव है, जो लगातार टलता जा रहा है. उधर सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर इस मामले पर सुनवाई टल गई है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा में तत्काल शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई मंगलवार को स्थगित कर दी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगी. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से अदालत को मंगलवार के दिन के अंत में शक्ति परीक्षण का भरोसा दिए जाने के बाद पीठ ने यह बात कही.

अभिषेक मनु सिंघवी, कर्नाटक के विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश की ओर से बहस कर रहे थे. दो निर्दलीय विधायक-आर.शंकर और एच.नागेश ने विधानसभा में तत्काल शक्ति परीक्षण का निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की ओर से पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव पर बहस चल रही है. कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने पिछले सप्ताह कहा था कि विश्वास मत के दौरान सभी दलों को सदन में अपना 'व्हिप' लागू करने की अनुमति दी जा सकती है. सदन में इसी मुद्दे पर बहस चल रही है. अगर व्हिप लगाने की अनुमति दी जाती है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सत्र में भाग नहीं लेने के लिए बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है.

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