कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले सिद्धारमैया ने सोमवार को राज्य के 28वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने 64 वर्षीय सिद्धारमैया को श्री कांतिराव स्टेडियम में आयोजित समारोह में शपथ दिलाई.
शपथ-ग्रहण समारोह में सिद्धारमैया के परिजनों तथा रिश्तेदारों सहित करीब 50,000 लोग मौजूद थे. लोगों ने नृत्य-संगीत के साथ अपनी खुशी का इजहार किया. सिद्धारमैया ने पूर्वाह्न् 11.40 बजे कन्नड़ भाषा में शपथ ली.
शपथ ग्रहण समारोह में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, एम. वीरप्पा मोइली, के. मुनियप्पा तथा रहमान खान मौजूद थे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे. मंच पर मौजूद कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में पूर्व विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा भी शामिल थे.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले सिद्धारमैया ने बिजनेस टुडे के कुछ सवालों के जवाब दिए:
प्रश्न: मुख्यमंत्री के तौर पर आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
जवाब: सबसे पहले तो प्रशासनिक स्तर पर चीजें सुधारनी होंगी. कर्नाटक की गर्वनेंस बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है, जिसे सही करना और लोगों में विश्वास बहाली करना हमारा मुख्य काम होगा. दूसरा, विकास कार्यों को फिर से तेजी देने की जरूरत है, जो फिलहाल रुके हुए हैं.
प्रश्न: वित्तीय मामलों में सुधारों की दिशा में क्या कदम उठाएंगे?
जवाब: हमने टैक्स सुधार लागू किए थे. वित्त मंत्री रहते कर्नाटक में वेल्यू एडेड टैक्स (वैट) को मैंने ही लागू कराया था. जब हमने छोड़ा, तब वित्तीय स्थिति ठीक-ठाक थी. लेकिन बीजेपी ने इसे नष्ट कर दिया. कर्ज बढ़ गया है, क्योंकि संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया. मुझे वित्तीय मामलों में भी ध्यान देने की बहुत जरूरत है.
गौरतलब है कि सिद्धारमैया को 10 मई को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था. गुप्त मतदान में उन्होंने इस पद के प्रबल दावेदार केंद्रीय श्रम मंत्री एम मल्लिकार्जुन खड़गे को पीछे छोड़ दिया था.
कौन हैं सिद्धारमैया?
हालांकि सिद्धारमैया इस पद की दौड़ में सबसे आगे थे, लेकिन उन्हें इस पद के लिए तभी चुना गया, जब रक्षा मंत्री ए के एंटनी के नेतृत्व वाले कांग्रेस पर्यवेक्षकों के दल ने पार्टी विधायकों से लिखित में अपनी पसंद का इजहार करने को कहा.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रजामंदी लेने के बाद एंटनी ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सिद्धारमैया के निर्वाचन की घोषणा की. सिद्धारमैया 6 साल पहले जेडीएस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. वह एन धरम सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री थे.
एच डी देवगौड़ा के प्रधानमंत्री बन जान के बाद साल 1996 में वकील से नेता बने सिद्धारमैया मुख्यमंत्री की ‘गद्दी’ पाते-पाते रह गए थे. सिद्धारमैया कुरूबा समुदाय के हैं. यह राज्य में तीसरी सबसे बड़ी जाति है. उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में तब जे एच पटेल ने पीछे छोड़ दिया था. देवगौड़ा और पटेल दोनों के मुख्यमंत्री काल में सिद्धारमैया वित्त मंत्री रहे.
सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल का गठन करने को तैयार होने के बीच मंत्री पदों के लिए लामबंदी तेज हो गई है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि डी के शिवकुमार, आर वी देशपांडे, शमनूर शिवशंकरप्पा और टी बी जयचंद्र समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने की उम्मीद है.