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सिद्धारमैया ने शपथ के बाद गरीबों पर की 4409.81 करोड़ की 'बारिश'

सात साल के अंतराल के बाद कर्नाटक में फिर कांग्रेस शासन की शुरूआत करते हुए सिद्धारमैया ने आज मुख्यमंत्री के रूप मे शपथ ली और अपने पहले ही कदम में गरीबों, अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और अल्पसंख्यों को 4409.81 करोड़ रूपए की सौगातें दी.

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सात साल के अंतराल के बाद कर्नाटक में फिर कांग्रेस शासन की शुरूआत करते हुए सिद्धारमैया ने आज मुख्यमंत्री के रूप मे शपथ ली और अपने पहले ही कदम में गरीबों, अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और अल्पसंख्यों को 4409.81 करोड़ रूपए की सौगातें दी.

विधान सौध या राजभवन के बजाय पिछड़े वर्ग के 64 वर्षीय नेता को राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने यहां कांतिवीर स्टेडियम में उनके हजारों समर्थकों के बीच पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

आज केवल सिद्धारमैया को ही शपथ दिलायी गयी जो शपथ ग्रहण समारोह में सफेद रेशमी धोती कुर्ते में आए थे. स्वघोषित नास्तिक सिद्धरमैया ने ‘सत्य’ के नाम पर शपथ ली.

उसके बाद सिद्धारमैया कांग्रेस की चुनावी घोषणा को लागू करने की दिशा में तुरंत बढ़े. उन्होंने अपनी पहली मंत्रिमंडल बैठक की अध्यक्षता की जिसमें वह अकेले थे क्योंकि मंत्रियों की सूची को अबतक अंतिम रूप नहीं दिया गया है.

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उन्होंने घोषणा की कि गरीबों को जून से एक रूपए किलोग्राम की दर से 30 किलोग्राम चावल दिया जाएगा जिससे गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 98.17 लाख लोग लाभान्वित होंगे. इस योजना से सरकारी खजाने पर हर साल 460 करोड़ रूपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
सिद्धारमैया ने दुग्ध उत्पादकों के लिए सब्सिडी दो रूपए से बढ़ाकर चार रूपए करने का भी निर्णय लिया जिसपर हर साल 496 करोड़ रूपए का खर्च आएगा. विभिन्न योजनाओं के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गरीबों को मकान बनाने के लिए सब्सिडी 75 हजार रूपए से बढ़ाकर 1.2 लाख कर दिया जाएगा. उन्होंने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के (349 करोड़), अन्य पिछड़ा वर्गों के (514.26 करोड़ रूपए) और अल्पसंख्यकों के (362 करोड़) रूपए सरकारी ऋण (बकाया एवं ब्याज समेत) को एकमुश्त माफ करने की भी घोषणा की.

उन्होंने संकेत दिया कि उनके मंत्रिमंडल में शुक्रवार तक मंत्री शामिल किए जायेंगे और साथ ही उन्होंने यह भी माना कि यह एक कठिन काम है. वह इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चर्चा करने के लिए कल या परसों दिल्ली जायेंगे.

उन्होंने कहा, ‘यह एक संतुलित मंत्रिमंडल होगा.’ उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का गठन हमेशा ही एक कठिन काम होता है. उनका इशारा इस ओर था कि मंत्रिपरिषद में स्थान पाने के लिए लॉबिंग तेज हो गयी है और वरिष्ठ नेता अहम विभाग पाने की जुगत में लगे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बृहस्पतिवार या शुक्रवार तक मंत्रिमंडल गठित हो जाएगा.
मूल रूप से कांग्रेस विरोधी ‘जनता परिवार’ पृष्ठभूमि से आने वाले सिद्धारमैया के लिए मुख्यमंत्री बनना उनके सपने के पूरा होने जैसा है. वह बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उन्हें शनिवार को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था.

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जब सिद्धारमैया से चुनाव प्रचार के दौरान उनके द्वारा दिए गए इस बयान के बारे में पूछा गया कि यदि कांग्रेस सत्ता में आयी तो पिछली भाजपा सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए विशेष अदालत गठित की जाएगी, तब उन्होंने कहा सभी मामलों को कानूनी ढांचे के अंदर ही निपटाया जायेगा.

सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर ने पांच मई को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस का नेतृत्व किया था. कांग्रेस को बहुत बड़ी सफलता मिली और उसने 121 सीटें जीती जो 224 सदस्यीय विधानसभा में सामान्य बहुमत से आठ अधिक सीट है.

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