आंध्र प्रदेश के निचले इलाकों में बसे 40 हजार लोगों को तूफान की आशंका के चलते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. इस बीच समुद्री तूफान लैला के वेग में कमी आने के संकेत मिले हैं और गुरुवार को इसके मछलीपत्तनम तट के निकट से गुजर जाने की संभावना है.
मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा बुलेटिन के अनुसार लैला अब ‘‘व्यावहारिक रूप से स्थिर’’ हो गया है और मछलीपत्तनम तट से 200 किलोमीटर दक्षिण में केन्द्रित है. इसके गुरुवार दोपहर तक मुख्य भूमि तक पहुंचने के आसार हैं.
बुलेटिन के अनुसार हवा का बहाव बढ़ने और भू क्षेत्र से संपर्क बढ़ने के कारण तूफान के वेग में कमी के संकेत मिल रहे हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तूफान का खतरा अभी कम नहीं हुआ है क्योंकि तटीय क्षेत्रों में 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाएं बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमने आशंका वाले गांवों से 40 हजार लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है और बहुत से और लोगों को भी जरूरत पड़ने पर हटाया जाएगा.’’{mospagebreak}रक्षा मंत्री ए के एंटोनी ने कहा, ‘‘सशस्त्र बल नागरिक प्रशासन की मदद के लिए हरदम तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘नौसेना और अन्य सशस्त्र बलों से जिस तरह की मदद की जरूरत होगी, दी जाएगी.’’
नेल्लूर, प्रकासम, गुंटूर, कृष्णा, पश्चिमी गोदावरी और पूर्वी गोदावरी जिलों पर समुद्री तूफान का सबसे ज्यादा असर होने की आशंका है. अगले 36 घंटे के दौरान तूफान के प्रभाव से तटीय जिलों में भारी और बहुत भारी बरसात की भविष्यवाणी की गई है. मुख्यमंत्री के रोसैया ने रातभर हालात पर नजर रखी और राहत अभियानों तथा सरकारी मशीनरी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिला कलक्टरों के साथ टेलीकांफ्रेंस के जरिए संपर्क बनाए रखा.
मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों में जरूरी सामान के पर्याप्त भंडार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने राहत शिविरों में भोजन और चिकित्सा इंतजाम की व्यवस्था करने के आदेश भी कलक्टरों को दिए.
विशाखापत्तनम में तूफान चेतावनी केन्द्र के निदेशक प्रसाद राव ने कहा, ‘‘तूफान मछलीपत्तनम के 120 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है और इसके उत्तरी दिशा में बढ़ने का अंदेशा है. तूफान के साथ चलने वाली हवाओं का वेग लगभग 100-110 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इनके वेग में कमी के संकेत हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘तूफान के तमिलनाडु की बजाय आंध्र प्रदेश तक अधिक वेग के साथ 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पहुंचने की आशंका है. हमने चार जिलों गुंटूर, कृष्णा, पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों के निचले इलाकों के लोगों को चौकन्ना रहने की सलाह दी है.’’{mospagebreak}इस बीच पूर्वी गोदावरी जिले में इस चक्रवाती तूफान के प्रभाव से होने वाली भारी बारिश ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया. जिले में हवाई, रेल और बस सेवाएं ठप पड़ गईं. जिले से गुजरने वाली कई रेलगाड़ियां कई स्थानों पर पटरियों पर पानी भरा होने के कारण अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं.