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1984 दंगा: सिख कमिटी ने दी मोदी और केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की धमकी

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (डीएसजीएमसी) ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए जल्द मुआवजे और एसआईटी की जांच शुरू करने की मांग की है. कमिटी का कहना है कि अगर इन मांगों पर जल्द कदम नहीं उठाए गए तो सिख समुदाय के लोग केंद्र की मोदी और दिल्ली की केजरीवाल सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे.

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sikh committee threatens to protest against modi and kejriwal government for 1984 riots
sikh committee threatens to protest against modi and kejriwal government for 1984 riots

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (डीएसजीएमसी) ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए जल्द मुआवजे और एसआईटी की जांच शुरू करने की मांग की है. कमिटी का कहना है कि अगर इन मांगों पर जल्द कदम नहीं उठाए गए तो सिख समुदाय के लोग केंद्र की मोदी और दिल्ली की केजरीवाल सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे.

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डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने रविवार को कहा, ‘पिछले 31 साल से इस मामले पर राजनीति हो रही है. यह हमारे लिए राजनीति का विषय नहीं है. हम पीड़ितों के लिए इंसाफ चाहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हाल ही में केंद्र सरकार ने पीड़ितों को 5-5 लाख रूपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था. अब तक सिर्फ 17 लोगों को मुआवजा दिया गया. हमारी मांग है कि सभी पीड़ितों को जल्द मुआवजा दिया जाए.’

जीके ने कहा, ‘हम इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे. अगर पीड़ितों को जल्द मुआवजा नहीं दिया गया और एसआईटी की जांच शुरू नहीं की गई तो हम उसी तरह से मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार के खिलाफ भी सड़क पर उतरेंगे, जैसे कांग्रेस के खिलाफ सड़क पर उतरे थे.’

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केंद्र ने पीड़ितों को 5-5 लाख रूपये देने के अलावा 1984 के दंगों के कई मामलों की जांच के लिए एसआईटी के गठन की बात की थी. केजरीवाल सरकार ने पिछली बार 49 दिन के शासन में एसआईटी के गठन की सिफारिश की थी.

इस बारे में जीके ने कहा, ‘एसआईटी को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. हमारा सिर्फ इतना कहना है कि एसआईटी की जांच जल्द से जल्द से शुरू हो ताकि उन लोगों को इंसाफ मिल सके, जो पिछले 31 साल से इसका इंतजार कर रहे हैं.'

इनपुट: भाषा

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