scorecardresearch
 

एक साथ चुनाव के विरोध में खड़े हुए 9 दल, बीजेपी-कांग्रेस ने साधी चुप्पी

समाजवादी पार्टी की ओर से राम गोपाल यादव ने इस विचार का समर्थन किया. हालांकि उन्होंने साफ किया कि पहला एक साथ चुनाव 2019 में होना चाहिए जब 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होगा. अगर 2019 में एक साथ चुनाव कराए जाते हैं तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की बीजेपी सरकार का कार्यकाल छोटा हो जाएगा.

Advertisement
X
वोटर (फोटो- Getty Images)
वोटर (फोटो- Getty Images)

Advertisement

केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का नारा देकर नई बहस को जन्म दे दिया है. इसका मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. इस मुद्दे पर तमाम राजनीतिक दल बंटे हुए हैं और अभी तक इस विषय पर सहमति नहीं बन सकी है. देश के 4 राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया तो नौ दल इसके खिलाफ खड़े हैं.

विधि आयोग ने इस विषय पर चर्चा के लिए परामर्श प्रक्रिया की एक बैठक भी बुलाई लेकिन इसमें दोनों मुख्य दल बीजेपी और कांग्रेस ने हिस्सा ही नहीं लिया. एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर दो दिवसीय कार्यक्रम के अंत में एनडीए के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के अलावा, AIADMK, सपा और टीआरएस ने इस विचार का समर्थन किया है. आयोग ने इस मुद्दे पर विचार रखने के लिए 7 राष्ट्रीय और 59 क्षेत्रीय दलों को न्यौता दिया था.

Advertisement

बीजेपी के सहयोगी दल गोवा फारवर्ड पार्टी ने इस विचार का विरोध किया, वहीं तृणमूल कांग्रेस, AAP, डीएमके, टीडीपी, सीपीआई, सीपीएम, फॉरवर्ड ब्लॉक और जेडीएस ने भी इसका विरोध किया. सपा, टीआरएस, AAP, डीएमके, टीडीपी, जेडीएस और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने विधि आयोग से मुलाकात कर इस मुद्दे पर अपने विचार रखे.

समाजवादी पार्टी की ओर से राम गोपाल यादव ने इस विचार का समर्थन किया. हालांकि उन्होंने साफ किया कि पहला एक साथ चुनाव 2019 में होना चाहिए जब 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होगा. अगर 2019 में एक साथ चुनाव कराए जाते हैं तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की बीजेपी सरकार का कार्यकाल छोटा हो जाएगा.

AAP ने बताया बीजेपी की चाल

दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान ने विधि आयोग से कहा कि एक साथ चुनाव लोगों को एक सरकार बनाने से दूर रखने की एक चाल है क्योंकि दोनों चुनाव साथ हुए तो सदनों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा. तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने विधि आयोग को दिये एक लिखित जवाब में कहा कि उनकी पार्टी देश में एकसाथ चुनाव कराये जाने का समर्थन करती है.

बैठक में टीआरएस का प्रतिनिधित्व करने वाले बी विनोद कुमार ने कहा कि यह विश्लेषण गलत है कि अगर एकसाथ चुनाव हुए तो स्थानीय मुद्दों पर राष्ट्रीय मुद्दे भारी पड़ेंगे. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने आयोग को पत्र लिखकर प्रस्ताव पर अपनी पार्टी की आपत्ति दर्ज कराई है.

Advertisement

आयोग ने मांगी थी राय

विधि आयोग ने दो महीने पहले हुई अपनी बैठक में इस विचार को लेकर प्रश्नावली जारी की थी. इस प्रश्नावली के जरिए आयोग ने आम जनता, संस्थान, एनजीओ और नागरिक संगठनों के साथ सभी स्टेकहोल्डर से सुझाव मांगे थे. इस बैठक के बाद चुनाव आयोग के साथ बैठक कर विधि आयोग ने तकनीकी और संवैधानिक उपायों की बारीकियों पर चर्चा की थी.

Advertisement
Advertisement