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सिंध सरकार ने बंदियों को दी अनोखी छूट

पाकिस्तान में सिंध प्रांत के जेलों में पांच साल से अधिक समय बिताने वाले बंदियों को उनकी पत्नी के साथ एक रात रहने की अनुमति दी जायेगी.

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पाकिस्तान में सिंध प्रांत के जेलों में पांच साल से अधिक समय बिताने वाले बंदियों को उनकी पत्नी के साथ एक रात रहने की अनुमति दी जायेगी.

प्रांतीय सरकार ने सिंध उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्ययालय जेल सुधार समिति की बैठक के बाद बंदियों को प्रत्येक तीन माह के बाद पत्नी के साथ एक रात रहने की अनुमति देने का निर्णय किया है.

गृह मंत्री द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बंदियों की पत्नियों को उनके पतियों के साथ जेल में एक रात रहने की अनुमति दी जायेगी. इसके लिए उन्हें वैध निकाह दस्तावेज और राष्ट्रीय पहचान पत्र साथ में लाना होगा.

यह सुविधा केवल उन्हीं बंदियों को मिलेगी जो जेल में पांच साल से अधिक का समय बिता चुके हैं.

सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि नये निर्देशों के अनुरूप बंदियों को उपयुक्त सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी. यह अधिसूचना बंदियों विशेषकर बाशो शबरानी नामक व्यक्ति के लिए खुशखबरी लेकर आयी है जो लरकाना जेल में 117 साल की सजा काटने आया है और 18 साल की सजा बिता चुका है.

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प्राप्त ब्यौरों के अनुसार शबरानी ने अधिकारियों की जानकारी में जेल में एक मोबाइल फोन हासिल कर लिया है. इसके जरिये उसका रेहाना नामक एक लड़की के साथ संपर्क कायम हो गया है.

जेल के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों के बीच प्रेम हो गया और दोनों ने हाल में निकाह कर लिया.

शबरानी अपने जीवन के चौथे दशक में चल रहा है. उसने फोन रखने की बात तो स्वीकार की लेकिन इस बात से इंकार कर दिया कि वह विवाहित है. उसने दावा किया कि वह विदुर है.

जेल अधिकारियों ने बताया कि शुरूआत में लड़की के अभिभावकों ने इस संबंध पर काफी आपत्ति की लेकिन बाद में विवाह की अनुमति दे दी. रेहाना अब अपने पति से नियमित तौर पर मिलने आती है.

लरकाना केन्द्रीय जेल के अधीक्षक औरंगजेब कांगो नेक हा कि शबरानी को हत्या, लूट एवं अपहरण के आरोप में 18 साल पहले गिरफ्तार किया गया था.

अदालत ने उसे मौत की सजा सुनायी जो बाद में कारावास में तब्दील कर दी गयी.

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